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63 हजार परिवार नहीं बनवा पा रहे आयुष्मान कार्ड

                                केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के करीब 90,000 परिवारों का चयन किया

धर्मशाला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के मनरेगा कामगारों समेत दिव्यांग, स्ट्रीट वेंडर और एकल नारियों को गत वर्ष केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलने की घोषणा हुई थी, लेकिन 63 हजार के करीब परिवारों को अभी तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है।केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के करीब 90,000 परिवारों का चयन किया था।

 इनमें इन परिवारों के 3,29,000 लोग शामिल हैं। कई लोग मैसेज और फोन से आने वाली सूचना को नहीं देख पाए, जिस वजह से उन्हें पता नहीं चल पाया। सभी लोगों को उम्मीद थी कि उनका हिमकेयर कार्ड बंद होते ही वे आयुष्मान योजना से जुड़ जाएंगे, परंतु ऐसा नहीं हो पा रहा है। लोकमित्र केंद्रों में लोगों की पहचान को खोजना मुश्किल हो गया है। सरकार ने सात महीने पहले लोगों को सूचित किया था कि हिमकेयर से आयुष्मान कार्ड में बदल लें, परंतु अभी तक लोग आयुष्मान में बदलने में असमर्थ रहे हैं। सरकार ने पोर्टल में 90 हजार परिवारों की पहचान डाली थी। एक महीने पहले ही पोर्टल से उनकी जानकारी हटा दी है, जिससे लोकमित्र संचालकों को उन्हें पहचानने में दिक्कतें पेश आ रही है।हिमकेयर धारकों की पहचान न मिलने के कारण लोगों के बार-बार लोक मित्र केंद्र में चक्कर लग रहे हैं। उन्हें बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

 प्रदेश में केंद्र सरकार ने मनरेगा वर्कर, 40 फीसदी से अधिक दिव्यांग लोगों, स्ट्रीट वेंडर और एकल नारियों के परिवारों का चयन किया था। इसके लिए जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को चयनित लोगों के कार्ड बनाने के लिए कहा था, परंतु अब तक कम जागरूकता के कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पाए हैं।लोकमित्र संचालकों ने सरकार से मांग की कि सरकार पहले की तरह फिर 90 हजार परिवारों की पहचान पोर्टल में डाल दें, ताकि उन्हें भी लोगों की पहचान करने में परेशानी न हो।मनरेगा कामगारों समेत दिव्यांग, स्ट्रीट वेंडर और एकल नारियों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि उनकी जानकारी दोबारा से पोर्टल में डाली जाए, जिससे लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल सके। लोगों ने बताया कि कम जागरूकता के कारण और मैसेज समय में न मिलने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे वे योजना के लाभ से अभी वंचित हैं।केंद्र सरकार के पोर्टल में लाभार्थियों का डाटा नहीं है। इस वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। साथ ही इस योजना में नए सदस्य भी नहीं जुड़ पा रहे हैं। 






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