केंद्र पर सालों से ताला, कहां जाएं नशे के दलदल में डूबे युवा
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
युवाओं से नशे की लत को छुड़ाने के लिए जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला में स्थापित नशा मुक्ति केंद्र पिछले कुछ सालों से बंद पड़ा हुआ है। धर्मशाला के प्रयास भवन को सरकार और प्रशासन के प्रयासों की जरूरत है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। कोरोना काल के बाद से ही धर्मशाला के प्रयास भवन में चलने वाले नशा मुक्ति केंद्र को बंद कर दिया गया है।
वहीं, पूछने पर रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से बजट का रोना रोया जा रहा है।मौजूदा समय में नशा मुक्ति केंद्र धर्मशाला बंद है और वहां कोई स्टाफ भी नहीं है। यहां हर माह युवाओं को नशे की लत से बाहर निकालने के लिए करीब 10 से 15 परिजन आते हैं, लेकिन केंद्र बंद होने के कारण उन्हें मजबूरन खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में केवल एक ही नशा मुक्ति केंद्र है, जो नूरपुर में है। वहां भी केवल 15 लोगों को रखने की ही क्षमता है। ऐसे में इतने बड़े जिला में बढ़ रहे नशे की रोकथाम के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। केवल बैठकों में भी नशे को लेकर बात की जाती है। फिर बैठक में खाने-पीने के बिल के अलावा आगे कोई कार्य नहीं हो रहा है। सरकारें भी भाषणों तक सीमित हैं, लेकिन धरातल पर सब शून्य है।
जानकारी के अनुसार 16 अक्तूबर, 2023 को तत्कालीन डीसी डॉ. निपुण जिंदल ने कहा था कि जिला मुख्यालय धर्मशाला स्थित प्रयास भवन में आधुनिक नशा मुक्ति केंद्र खोलने के लिए स्वीकृति मिली है।इसमें इंडोर और आउटडोर दोनों ही तरह की सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, लेकिन एक साल का समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्य धरातल पर नहीं हो पाया है।युवाओं से नशा छुड़ाने की आड़ में निजी नशा मुक्ति केंद्रों को लोगों ने आय का साधन बना लिया है। एक पीड़ित से हर माह 10 से 15 हजार रुपये लिए जा रहे हैं, लेकिन इससे नशा छूटने की बजाय केवल संचालकों को भी फायदा पहुंच रहा है, लेकिन न तो ऐसे केंद्रों पर प्रशासन की ओर से कोई निरीक्षण किया जा रहा है और न स्वास्थ्य विभाग कोई जांच कर रहा है।लोकसभा चुनाव को लेकर लागू आदर्श आचार संहिता के कारण धर्मशाला के प्रयास भवन में नशा मुक्ति केंद्र को दोबारा शुरू नहीं किया जा सका था। अब आचार संहिता खत्म हो गई है तो जल्द ही यहां नशा मुक्ति केंद्र को शुरू कर दिया जाएगा, जिससे की नशे से पीड़ितों को लत छोड़ने में मदद मिल सके।
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