सैलानियों से लूट-खसोट, बेंच-कुर्सी पर बैठने की भी 10 रुपये तक वसूली
धर्मशाला,ब्यूरो रिपोर्ट
पर्यटन नगरी धर्मशाला और मैक्लोडंगज में वन विभाग की भूमि पर कब्जा जमाए बैठे कारोबारी सैलानियों से लूट-खसोट पर उतर आए हैं। नड्डी में हालात ऐसे हैं कि सैलानियों से बेंच और कुर्सी पर बैठने के भी 10 रुपये वसूले जा रहे हैं। एक तो इन लोगों ने वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है और ऊपर से वहां रखे बैंच या कुर्सी पर बैठने के लिए पर्यटकों से वसूली कर रहे हैं।
जब इस बारे में सैलानी आवाज उठा रहे हैं तो ये लोग स्थानीय होने की बात कर उन्हें धमका रहे हैं। इन कारोबारियों की कारगुजारी से धर्मशाला में पर्यटन कारोबार काफी प्रभावित हो रहा है, क्योंकि सैलानी ऐसी लूट-खसोट से यहां आने से तौबा कर रहे हैं।बीते माह ही भागसूनाग में एक सैलानी की मारपीट के दौरान मौत हो गई थी। इससे भी धर्मशाला की छवि अन्य राज्यों में खराब हुई थी और अब इस तरह के मामले सामने आने से धर्मशाला का नाम खराब हो रहा है। वहीं, वन विभाग की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। साथ ही पुलिस प्रशासन भी इस लूट-खसोट के बीच हाथ पर हाथ धरे बैठा है। हाल ही में बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानियों के साथ हिमाचल में कई प्रकार की कई घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर काफी वीडियो वायरल हो रहे हैं।
इन हरकतों के कारण यहां के टैक्सी चालकों को भी पंजाब में रोका जा रहा है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। अगर समय रहते प्रशासन, सरकार और संबंधित विभागों की ओर से इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे पर्यटन कारोबार तो ठप होगा ही, साथ ही धर्मशाला की छवि भी बाहरी राज्यों में खराब होगी, जो तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा, क्रिकेट स्टेडियम और अपनी सुंदरता के लिए विश्व भर में बनी हुई है। सैलानियों ने भी प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।बेंच पर बैठने के पैसे लेने के लिए रोजाना पर्यटकों और स्थानीय कारोबारियों में तू-तू-मैं-मैं हो रही है, लेकिन इस समस्या पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। न तो पुलिस की ओर से पर्यटन नगरी के प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है और न ही वन विभाग की ओर से अवैध अतिक्रमण को लेकर कोई कार्रवाई की जा रही है।
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