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काले कपड़े पहन फीस वृद्धि के खिलाफ अभाविप का अनोखा प्रदर्शन

                              अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय इकाई

पालमपुर,रिपोर्ट मोनिका शर्मा 

कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में 11 जून को जारी एक नोटिफिकेशन में फीस वृद्धि का मामला सामने आया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विद्यार्थी परिषद ने 13 जून को वाइस चांसलर को ज्ञापन सौंपा और इसके कुछ दिनों बाद एक सांकेतिक धरना भी किया गया। बावजूद इसके, विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय इकाई द्वारा एक अनोखा प्रदर्शन किया गया जिसमें सभी छात्रों ने काले कपड़े पहनकर अपना रोष जताया। इसके बाद एक रैली निकालकर वाइस चांसलर का घेराव किया गया और पूरा विश्वविद्यालय परिसर "वाइस चांसलर तुम एक काम करो, कुर्सी छोड़ो आराम करो" नारों से गूंज उठा। इस विशाल धरना प्रदर्शन में लगभग 800 से 1000 छात्र शामिल थे। यह प्रदर्शन सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चला।

फीस वृद्धि की बात करें तो विभिन्न कॉम्पोनेंट्स को अचानक छात्रों पर लागू किया गया है जिससे फीस लगभग 500 प्रतिशत बढ़ा दी गई है। वेटरनरी कॉलेज की फीस में लगभग 2 लाख रुपए की वृद्धि की गई है। एक अव्यवहारिक कॉम्पोनेंट के तहत सभी हॉस्टल्स में वॉशिंग मशीन्स के बावजूद लॉन्ड्री का टेंडर एक प्राइवेट फर्म को दिया गया है, जिससे प्रत्येक छात्र को प्रति सेमेस्टर 2500 रुपये देना पड़ेगा। अभी यह कॉम्पोनेंट ऑप्शनल रखा गया है लेकिन भविष्य में इसे फीस स्ट्रक्चर और प्रोस्पेक्टस में जोड़ा जा सकता है। इन्हीं सभी मुद्दों के खिलाफ आज विद्यार्थियों ने वाइस चांसलर के खिलाफ उग्र आंदोलन किया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष अभय वर्मा ने बताया कि जिस दिन यह नोटिफिकेशन जारी की गई थी, उसके अगले दिन ही परिषद ने ज्ञापन देकर वाइस चांसलर को चेताया था कि नोटिफिकेशन को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। सांकेतिक धरना भी किया गया, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई। प्रदेश के संयोजक गोकुल जी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की स्थिति को देखते हुए फीस स्ट्रक्चर को बनाया जाए ताकि आम छात्र को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े और वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। किसान परिवार से संबंध रखने वाले छात्रों के लिए यहां पढ़ना मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के सभी छात्र जागरूक हैं और अपने हक की लड़ाई लड़ना जानते हैं।



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