सिंचाई सुविधा न होने से धान की पनीरी नहीं लगा पाए किसान
चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट
भटियात उपमंडल की कुडणू और बनेट पंचायतों के किसान जून के अंतिम सप्ताह में भी धान की पनीरी नहीं लगा पाए हैं। किसानों ने कहा कि कूहल क्षतिग्रस्त होने के कारण उन्हें सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है।इस कारण परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पहले अगस्त में भारी बरसात के चलते कूहल क्षतिग्रस्त हो गई थी।
हैरत की बात है कि दो वर्ष का समय बीतने के बाद भी इस कूहल की सुध लेना संबंधित विभाग और प्रशासन ने जरूरी नहीं समझा हैं। किसानों की मानें तो वे कई बार विभाग और प्रशासन से कूहल मरम्मत की मांग उठा चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस है।दो वर्ष पहले भारी बरसात से कुडणू और बनेट की कई हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने वाली कुठेड़-लग्गा कूहल के डंगों को नुकसान पहुंचा था। किसानों ने प्रशासन से कई बार मांग की, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं हो पाई। अब संबंधित भू-सरंक्षण विभाग बजट न होने की बात कह रहा है।
किसानों ने कहा कि अगर कुछ समय में काम शुरू होता है तो कृषि कार्य के दौरान इसका पूरा होना मुश्किल है। ऐसे में किसानों को धान की रोपाई करने की चिंता सताने लगी है।अनिल राणा, सुरेंद्र मनकोटिया, चैन लाल, चरण दास, विनोद शर्मा, उत्तम चंद, प्यार चंद, देसराज, महाशु राम और नरेंद्र शर्मा आदि किसानों ने कहा कि क्षेत्र के ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर हैंं। कहा कि 2022 में दो पंचायतों के किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर कृषि विभाग को पंचायत के माध्यम से कूहल बनाने का प्रस्ताव दिया था। अब किसानों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मांग की है कि कुठेड़-लग्गा कूहल की जल्द मरम्मत करवाई जाए।
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