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धर्मशाला में प्रशासन की ओर से आयोजित मॉक ड्रिल बनी मज़ाक

                                                           आपात स्थिति में धर्मशाला में रब राखा

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

आपदा से निपटने के लिए धर्मशाला में प्रशासन की ओर से आयोजित की गई मेगा मॉक ड्रिल मजाक बन कर रह गई। जोनल अस्पताल धर्मशाला में सुबह से ही आपातकालीन वार्ड की पार्किंग को खाली करवा दिया था, जिस वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ा। नियमों के अनुसार गाड़ियों से भरी पार्किंग का सामना करते हुए ही मरीजों को अस्पताल पहुंचाना चाहिए था, क्योंकि आपदा कभी बता कर नहीं आती है।


संवाददाता ने अस्पताल में सुबह साढ़े 10 बजे पाया कि आपातकालीन वार्ड में पहले से ही डाॅक्टर और नर्सों का स्टाफ भारी मात्रा में मौजूद था। 11 बजे के बाद जैसे ही एंबुलेंस घायलों को लेकर आई तो एक घायल खुद ही एंबुलेंस से उतर पर स्ट्रेचर पर लेट गया, जिसके पूरा सिर पट्टियों से ढका था। अकसर रोजाना अस्पताल के आपातकालीन वार्ड के बाहर कोई भी स्ट्रेचर या व्हील चेयर नहीं होती, लेकिन मॉक ड्रिल के समय बाहर तीन स्ट्रेचर और दो व्हील चेयर थीं, जिसमें से एक टूटी हुई व्हीलचेयर को पट्टियों से बांधा हुआ था।मरीजों को इमरजेंसी पहुंचाया गया तो वहां मरीजों के लिए बिस्तर कम पड़ गए। वार्ड में केवल पांच बेड थे, जिसमें से तीन बिस्तरों पर पहले ही मरीज थे, जिस वजह से एक घायल का उपचार स्ट्रेचर पर ही करना पड़ा। एक घायल के गले पर नैक बैंड लगाया था, लेकिन उसे आरामदायक महसूस नहीं हो रहा था तो नर्सों ने उसका बैंड उतरवा दिया। टूटी हड्डियों वाले मरीजों को एक्स-रे तक नहीं ले जाया गया,आपातकालीन के दौरान आधे से ज्यादा स्टाफ तो मरीजों की फोटो खींचने में व्यस्त रहा।

कुल मिलाकर प्रशासन की ओर से की गई मेगा मॉक ड्रिल केवल औपचारिकता मात्र बनकर रह गई। प्रशासन की ओर से की गई तैयारियां वहां फेल नजर आईं। आपातकालीन स्थिति में हमेशा लिफ्ट इस्तेमाल करने को मना किया जाता है, लेकिन अस्पताल में लिफ्ट से मरीजों को वार्ड तक पहुंचाया गया। आपदा के दौरान आपातकालीन स्थिति में 20 से अधिक अस्पताल स्टाफ मौजूद रहा, जिस वजह से हड़बड़ाहट बढ़ गई। साथ ही अन्य मरीजों को परेशान होना पड़ा। कई मरीजों को बाहर इंतजार करने के लिए कहा गया।आपात स्थिति के दौरान कैसे बचाव किया जा सके, इसके लिए हर साल मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है। हर साल मॉक ड्रिल आयोजित होने के बाद भी संयुक्त टीम की खामियां सामने आईं हैं।शुक्रवार को मेगा मॉल ड्रिल के दौरान जो गलतियां या खामियां रही हैं उन्हें नोट किया गया है। इन खामियों को सुधारा जाएगा, जिससे आपातकालीन स्थिति के दौरान सब कुछ ठीक रहे। स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी यह बताना होगा कि आपातकालीन स्थिति के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल करना है या नहीं।




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