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भू-संरक्षण सहकारिता सभा नगनोली ने उपायुक्त ऊना से की शिकायत

                                     वन भूमि से खैरों के अवैध कटान पर उचित जांच की उठाई मांग

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

जिले की नगनोली स्थित भू-संरक्षण सहकारिता सभा ने वर्ष 2021 से 2023 तक वन भूमि से हुए खैर और अन्य वन संपदा के अवैध कटान की उचित जांच करने की मांग उठाई है। सभा के सदस्यों ने वीरवार को इस मामले को उपायुक्त जतिन लाल के समक्ष उठाया।सभा के सचिव सुशील कुमार निवासी नगनोली ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की तरफ से वर्ष 2021 से 2023 तक जिले में खैरों का कटान करवाया गया। इस दौरान ठेकेदारों ने निजी भूमि को छोड़कर सरकारी वन भूमि पर लगे खैर के पेड़ों का अवैध कटान किया। 

इस मामले की जांच को लेकर उस समय के जिला प्रशासन और वन विभाग के उच्च अधिकारियों को इस मामले पर गहनता से जांच करने की मांग उठाई। इसके बाद सभा की तरफ से इस मामले की आरटीआई के माध्यम से जानकारी भी मांगी गई, लेकिन वन विभाग ने उचित जानकारी सांझा नहीं की। इसके बाद से लगातार उपायुक्त और वन विभाग के उच्च अधिकारियों को मामले की दोबारा से जांच करने की अपील की जा रही है। बावजूद इसके कोई कार्रवाई इस मामले पर आगे नहीं बढ़ पाई है।इसी मामले को लेकर अब सभा सदस्योंं ने एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) को शिकायत पत्र डाक के माध्यम से भेजकर उचित जांच की मांग की है। दूसरी तरफ उपायुक्त जतिन लाल से भी मामले की सही प्रकार से जांच-पड़ताल करने को लेकर शिकायत पत्र सौंपा है। 

सभा के सदस्यों में राम सिंह गांव बहडाला, विवेक भारती निवासी रक्कड़, अमित कुमार निवासी ईसपुर, संजीव निवासी बरनोह ने नगनोली, चताड़ा, बहडाला, भदसाली, चोखेयाल व मंजलियां में हुए अवैध कटान की सही प्रकार से जांच करने की मांग उठाई है। साथ ही जांच के दौरान मौके पर होने वाली निशानदेही में शिकायतकर्ताओं को भी शामिल करने की मांग उपायुक्त के समक्ष रखी।इस मामले की जांच वन विभाग की तरफ से की गई है। इसके बाद रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी गई है। अभी तक हुई जांच में सरकारी भूमि से खैर और अन्य कोई पेड़ काटने का मामला सामने नहीं आया है। अगर शिकायकर्ता दोबारा जांच की मांग कर रहे हैं तो उच्च अधिकारियों से निर्देश मिलने पर हरसंभव कार्रवाई की जाएगी।





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