हिमालय रेंज में 9,500 ग्लेशियरों के लिए लू खतरा बनी
कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट
ग्लोबल वार्मिंग के कारण लगातार सिकुड़ रहे हिमालय के ग्लेशियरों पर आठ साल बाद बर्फ की मोटी चादर बिछी है। फरवरी से लेकर एक मई तक लगभग तीन माह में हुई रिकॉर्ड बर्फबारी के बाद अब हिमालय रेंज में 9,500 ग्लेशियरों के लिए लू खतरा बन गई है। देशभर के मैदानी इलाकों के साथ हिमालयी क्षेत्र तापमान बढ़ने से लू की चपेट में आ गए हैं।
मई के दूसरे सप्ताह से शुरू हुई लू का प्रकोप जून तक जारी रहता है तो ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार सामान्य से कई गुना तेज हो सकती है। ऐसे में पर्यावरण वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की नजर जून माह पर टिकी है। नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। तापमान में दो से तीन डिग्री तक इजाफा होने से पर्यावरण वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ने लगी है।हालांकि इस बार पर्वतीय इलाकों में दिसंबर और जनवरी के बजाय फरवरी से लेकर मई माह तक बर्फबारी होती रही। बीआरओ को रोहतांग दर्रा के साथ मनाली-लेह मार्ग पर 30 से 35 फीट मोटी बर्फ की चादर हटानी पड़ी है। यही कारण है कि अभी रोहतांग दर्रा और कुंजम दर्रा यातायात के लिए पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाए हैं।
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