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जिला कुल्लू में नदी -नालों के बीच पानी में उतरे तो होगा जुर्माना

                               कुल्लू-मनाली, मणिकर्ण और बंजार घाटी में भारी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं

कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट 

 पर्यटन सीजन के बीच ब्यास नदी, पार्वती नदी सहित अन्य नालों के तेज प्रवाह में पानी के बीच उतरना अब महंगा पड़ सकता है। ब्यास नदी/खड्ड/नालों के पानी में जाने से रोकने का जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है। उल्लंघन करने वालों को 1,000 से 5,000 रुपये का जुर्माना या न्यूनतम आठ दिन की कैद हो सकती है।अमर उजाला ने 21 मई के अंक में यादें संजोने के लिए जिंदगी दांव पर लगा रहे सैलानी शीर्षक से इस मसले को प्रमुखता से उठाया था।


इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और हादसे की आंशका को देखते हुए पर्यटकों को नदी-नालों के किनारे न जाने के आदेश जारी किए गए हैं।गौर रहे कि पर्यटन सीजन के चलते इन दिनों कुल्लू-मनाली, मणिकर्ण और बंजार घाटी में भारी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। मगर पर्यटक मस्ती के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर बजौरा से लेकर सोलंगनाला, मणिकर्ण घाटी के कसोल, तीर्थन के कई क्षेत्रों में नदी-नालों में सेल्फी लेने और फोटो खिंचवा रहे हैं।गर्मियों के कारण पहाड़ों पर बर्फ पिघल रही है।

इससे इन दिनों नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। ऐसे में पर्यटकों के नदी-नालों में उतरने से उनके साथ हादसा होने की आशंका बनी हुई है। बहरहाल अब प्रशासन के आदेश के बाद हादसों पर अंकुश लग सकेगा।उपायुक्त तोरूल एस रवीश ने कहा कि किसी भी नदी/खड्ड/नालों के उच्च जलस्तर के भीतर जाने से रोकने का आदेश जारी किया है। कुछ होटल व्यावसायी/रेस्तरां संचालकों ने भी नदियों के किनारे आउटडोर बैठने की जगह और खुली हवा में कैफे स्थापित किए हैं, जो जल स्तर में अचानक इजाफा होने की स्थिति में जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं। उन्होंने पर्यटकों व लोगों से अपील की है कि कुल्लू में नदी-नालों के समीप न जाएं, जिससे किसी तरह की अनहोनी न हो।







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