धान की देसी झुमका किस्म किनारे
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
ज्यादा उत्पादन के चक्कर में किसानों ने अब अपने देसी धान की बजाय बाजारों में मिलने वाली धान की हाईब्रिड किस्मों की ओर रुख कर लिया है। इस वजह से काफी प्रसिद्ध देसी धान झुमका अपनी पहचान खोने की कगार पर पहुंच गया है। अपनी खुशबू और लाजवाब स्वाद के लिए जाने जाना वाला झुमका धान अब देखने को भी नहीं मिल रहा है।
इसकी जगह अब किसानों ने ज्यादा उत्पादन देने वाले हाईब्रिड धान के बीज को अपनाना शुरू कर दिया है।किसान अब अपना देसी बीज रखने की बजाय 300 से लेकर 550 रुपये तक प्रति किलो मिलने वाले हाईब्रिड बीजों पर पैसा खर्चना शुरू कर दिया है। बीज भंडारों या सरकारी कृषि सोसायटियों में विभिन्न प्रकार के हाईब्रिड बीज मिल रहे हैं। कई क्षेत्रों में किसान एक-दूसरे से झुमका धान का बीज मांग रहे हैं, लेकिन किसी के पास भी यह धान का बीज नहीं मिल रहा है। इस वजह से इस झुमका धाम का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। करीब पांच से छह साल पहले अधिकतर किसान इसी बीज से धान की पनीरी तैयार करते थे और बाज में इसका बीज अगली बार के लिए रख लेते थे। किसान जोगिंद्र, दुनी चंद, सुनील, बृजमोहन, मेहदर चंद, रमेश और ओम प्रकाश आदि ने बताया कि पहले केवल देसी धान की पनीरी ही दी जाती थी, जिसमें कांगड़ा का सबसे प्रसिद्ध झुमका धान लगाया जाता था।
झुमका धान बेहद खुशबूदार और स्वादिष्ट होता है, लेकिन अब किसानों ने हाईब्रिड धान के लिए इस धान को खत्म ही कर दिया है। उनका कहना है कि इस धान से निकलने वाले चावल को काफी लोग पसंद करते थे।गेंहू की फसल के बाद अब जिले भर के किसान धान की पनीरी देने में जुट गए हैं। जिन क्षेत्रों में खेतों में नमी है या किसानों ने सिंचाई की है वहां पर धान की पनीरी देने का कार्य जोरो शोरों से चल रहा है। मगर मैदानी इलाकों में बारिश न होने के कारण खेतों में नमी नहीं बची है, जिस वजह से किसान धान की पनीरी नहीं दे पा रहे हैं। किसान धान की पनीरी देने के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बात करें उपमंडल धर्मशाला, कांगड़ा, पालमपुर आदि की तो वहां किसानों ने धान की पनीरी तैयार करना शुरू कर दी है। जिलेभर के किसान धान का देसी बीच रखने की बजाया बाजारों में मिलने वाले महंगे हाईब्रिड धानों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे कि धान की पैदावार में बढ़ोतरी हो सके। बाजारों या सोसायटियों में विभिन्न प्रकार के बाईब्रिड धान का बीज उपलब्ध है। बाजारों में 300 से लेकर 550 रुपये तक प्रति किलो धान का बीज मिल रहा है।
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