बड़ी मशीन खराब होने से रुका गेहूं की ग्रेडिंग का काम
सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट
नालागढ़ के मझौली स्थित कृषि बीज फार्म में गेहूं की ग्रेडिंग का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन फार्म में गेहूं को ग्रेडिंग करने वाली बड़ी मशीन खराब है। जिससे ग्रेडिंग का कार्य धीमी गति से चल रहा है। वर्तमान में दो छोटी मशीनें ही चल रही हैं। जो प्रतिदिन 100 से 150 क्विंटल गेहूं की ग्रेडिंग कर पा रही हैं। अगर बड़ी मशीन ठीक नहीं हुई तो किसानों को अपना गेहूं का बीज बेचने में तीन से चार माह का समय लग सकता है। बरसात में गेहूं में अगर कीड़े पड़ गए तो कृषि विभाग कीड़े वाला गेहूं नहीं खरीदेगा। किसानों ने बड़ी ग्रेडिंग मशीन को ठीक कराने की मांग की है।
नालागढ़ में किसान गेहूं के बीज भी तैयार करते हैं। इस वर्ष कृषि विभाग ने 372 किसानों को गेहूं के बीज अपने खेतों में लगाने को दिया था। विभाग अपनी देखरेख में इस बीज को तैयार करता है और गेहूं तैयार होने पर किसानों से ग्रेडिंग करके प्रमाणित बीज को 3050 रुपये प्रति क्विंटल और ब्रीडर बीज को 3250 रुपये प्रति क्विटंल के हिसाब से खरीदता है। बीज के गेहूं का दाम अन्य गेहूं से 1000 रुपये अधिक है। विभाग बीज के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजता है वहां पर सैंपल पास होने के बाद बीज को ग्रेडिंग करके किसानों से वापस लेता है।
विभाग ने फार्म में तीन ग्रेडिंग मशीनें लगा रखी हैं। दो मशीनें छोटी और एक बड़ी है। यह मशीन जैसे ही विभाग के कर्मचारी चलाने लगे तो वह नहीं चली। जिससे किसान अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं। खेड़ा के किसान अवतार सैणी, सतविंद्र सैणी, साध राम, अमर चंद ठाकुर, विनोद ठाकुर ने बताया कि दो छोटी मशीनों के सहारे विभाग बीज खरीद रहा है। इस वर्ष 18 हजार क्विंटल से अधिक बीज तैयार हुआ है। इन छोटी मशीनों से इसे ग्रेडिंग करने में चार माह लग जाएंगे। किसानों के पास गेहूं को स्टोर करने के लिए पर्याप्त साधन नहीं होते। जिससे गेहूं के खराब होने का खतरा अधिक रहता है। उन्होंने इस खराब पड़ी बड़ी मशीन को ठीक कराने की मांग की है। बड़ी मशीन प्रति दिन चार सौ क्विटंल गेहूं ग्रेडिंग कर देती है।
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