हिमाचल के डीएसपी अमित ठाकुर ने अपनी बेटी का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाया
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
अमूमन अच्छी और आधुनिक शिक्षा हासिल करने के लिए अभिभावक भारी भरकम फीस वाले प्राइवेट स्कूल की ओर ही रुख करते हैं. अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़कर फर्राटेदार अंग्रेजी बोले और हमेशा ही सबसे आगे नजर आएं।
ज्यादातर बड़े अफसरों के बच्चे सरकारी प्राइवेट स्कूल में ही पढ़ते हैं. यहां तक कि सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे टीचर भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल की जगह प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिलवाते हैं. इस बीच हिमाचल प्रदेश पुलिस में डीएसपी अमित ठाकुर ने अन्य अफसरों के लिए एक मिसाल पेश की है। साल 2012 के एचपीएस अधिकारी अमित ठाकुर ने अपनी बेटी उर्वी ठाकुर का एडमिशन शिमला के सरकारी स्कूल में कराया है. उर्वी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. वह पांचवी क्लास में पढ़ती हैं. अमित ठाकुर खुद भी एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं और उनकी पढ़ाई भी सरकारी स्कूल से ही हुई है. अमित ठाकुर की बेटी भी पिता की तरह ही सरकारी स्कूल में पढ़कर अपना नाम बनाना चाहती हैं।
डीएसपी अमित ठाकुर ने कहा कि वह प्राइवेट स्कूल की आपाधापी से दूर हैं. उनका मानना है कि सरकारी स्कूल में ही सबसे बेहतर टीचर होते हैं. ऐसे में वे अपनी बेटी उर्वी ठाकुर को सरकारी स्कूल से ही शिक्षा दिलवा रहे हैं। अमित ठाकुर ने बताया कि कहा कि यह धारणा गलत है कि अच्छा पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए सिर्फ प्राइवेट स्कूल में ही पढ़ाई की जानी चाहिए. सरकारी स्कूल में भी अच्छी पढ़ाई होती है और यहां से भी बच्चे आगे बढ़ सकते हैं. हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने सरकारी स्कूल से शिक्षा हासिल की. उन्होंने न सिर्फ देश में, बल्कि विश्व में अपना नाम कमाया।
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