लघु सचिवालय परिसर है यह, कबाड़खाना नहीं
कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट
जिला मुख्यालय कुल्लू में स्थित लघु सचिवालय परिसर की हालत कबाड़खाना जैसे हो गई है। बहुमंजिला भवन परिसर कूड़ा कचरा डंप करने का स्थान बनकर रहा गया है। उपायुक्त और उपमंडल अधिकारी कार्यालय के साथ लगते इस परिसर में सभी सरकारी विभागों के कार्यालय हैं, लेकिन इन कार्यालयों के बाहर कूड़े-कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
इतना ही नहीं इस भवन के धरातल को दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्थल भी बना दिया गया है। रोजाना धरातल की मंजिल में दोपहिया वाहनों को पार्क किया जा रहा है। कूड़ा और वाहन पार्क होने के कारण यहां आने वाले सैकड़ों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि इस भवन परिसर की धरातल मंजिल से लेकर पांचवीं मंजिल तक सीढ़ियों के किनारे निर्माण सामग्री, कूड़ा-कचरा और कार्यालयों की टूटी कुर्सियां और फर्नीचर भी फेंका गया है।एक ही छत के नीचे सभी सरकारी कार्यालय होने के कारण रोजाना 250 से 300 लोग कामकाज निपटाने और विभिन्न विभागों की योजनाएं जानने के लिए यहां पहुंचते हैं, लेकिन उनका स्वागत कूड़े-कचरे के ढेरों से हो रहा है।
सरकारी भवन परिसर की दुर्दशा ऐसी है कि इसमें बने शौचालय भी खस्ताहाल हैं। सफाई व्यवस्था न होने के कारण लोगों को रोजाना परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।लगघाटी से आए मोहन लाल ने कहा कि उन्हें कृषि विभाग के कार्यालय में काम था। जब वे लघु सचिवालय परिसर में पहुंचे तो उन्हें कृषि विभाग के कार्यालय के साथ दोपहिया वाहन खड़े दिखे, जो आवाजाही में बाधा बन रहे हैं। भुंतर के आशीष, रोहित और बजौरा की अनामिका ने कहा कि वे आरटीओ कार्यालय में आए थे, लेकिन कार्यालय तक पहुंचने से पहले सीढ़ियों पर पानी का रिसाव और किनारे पर फर्नीचर और कूड़े के ढेर दिखे।युवाओं में रोहित, शिवम, मोनिका, सोनाक्षी, अंकिता और शिवानी ने कहा कि वे रोजगार कार्यालय में आए थे। यहां तक पहुंचने से पहले उन्होंने जितनी भी मंजिल चढ़ी हैं, उन सबकी सीढ़ियों और शौचालयों के किनारे कूड़े और निर्माण सामग्री के ढेर लगे हैं।उधर, उपमंडल अधिकारी विकास शुक्ला ने कहा कि मामला उनके ध्यान में नहीं है। अगर लघु सचिवालय परिसर में इस तरफ की व्यवस्था है तो कोताही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
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