खज्जियार झील के पुल का रंग उखड़ा, नहीं सजाया गेट
चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट
मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से विख्यात पर्यटन स्थल खज्जियार बदसूरत होता जा रहा है। पर्यटन सीजन शुरू होने के बावजूद झील को जाने वाले ब्रिज का रंग निकल गया है।खज्जियार गेट को भी सजाया नहीं गया है। विभाग ने दावा किया था कि खज्जियार के प्रवेश द्वार को सजाया जाएगा और रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जाएंगी, मगर विभाग के ये दावे खोखले साबित हुए हैं।
वर्तमान में पर्यटन सीजन शुरू हो गया है, लेकिन खज्जियार की सुंदरता की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बहरहाल, पर्यटकों जिस खूबसूरत खज्जियार की कल्पना कर यहां पहुंच रहे हैं, उन्हें बदसूरत खज्जियार मिल रहा है। जानकारी के अनुसार अप्रैल से पर्यटन सीजन शुरू हो गया है। खज्जियार के सौंदर्यीकरण के लिए कोई प्रयास वन्य प्राणी विभाग की तरफ से नहीं किए गए हैं।स्थानीय लोगों में अमर चंद, अनिल कुमार, सोनू कुमार, पृथी चंद, कृष शर्मा और रविंद्र कुमार ने कहा कि ईको टूरिज्म सोसायटी के तहत खज्जियार के सौंदर्यीकरण के लिए करीब दो करोड़ रुपये की राशि मिलती है। यह राशि खज्जियार में स्थित विभिन्न संसाधनों से सोसायटी को मिलती है।
इसे विकास कार्यों पर खर्च नहीं किया जा रहा है। खज्जियार के गेट सहित झील को जाने वाले ब्रिज को भी इस बार रंगा नहीं किया गया है। ईको टूरिज्म सोसायटी की ओर से खज्जियार की सुंदरता को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने वन्य प्राणी विभाग से मांग की है कि पर्यटन सीजन के चलते खज्जियार के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों में रंग रोगन किया जाए। उधर, वन विभाग आरओ विनय कुमार का कहना है कि आदर्श आचार संहिता के चलते विकास कार्य शुरू नहीं किए गए हैं। कहा कि आचार संहिता के बाद विकासात्मक गतिविधियां खज्जियार में शुरू की जाएंगी।
0 Comments