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उपभोक्ता आयोग ने शिकायतकर्ता के पक्ष में सुनाया फैसला

                                                   नौ फीसदी ब्याज सहित राशि लौटाए बीमा कंपनी

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य नारायण ठाकुर और आरती सूद की कोर्ट ने दुर्घटना बीमा होने के बावजूद क्लेम न देने वाली इंश्योरेंस कंपनी को 10 लाख रुपये नौ फीसदी ब्याज के साथ देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा 20 हजार रुपये मुआवजा, जबकि 10 हजार रुपये मुकद्दमेबाजी के लिए देने के भी निर्देश दिए हैं।

सीमा शर्मा पत्नी स्व. राजीव कुमार निवासी देहरा ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनके पति का एसबीआई बैंक देहरा में बैंक खाता था। इस दौरान उन्होंने वहां पर जनरल इंश्योरेंस कंपनी से दुर्घटना बीमा की पालिसी ले रखी थी और इसकी नॉमिनी अपनी पत्नी सीमा शर्मा को बनाया था। इसी बीच 27 सितंबर 2021 को उनके पति घर की दूसरी मंजिल से गिर कर गंभीर चोटिल हो गए। इस दुर्घटना में उनके सिर पर गहरी चोटें आई थीं। परिजन उन्हें देहरा के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और मौत का कारण सिर पर चोट आना बताया गया। 

इसके बाद उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी के पास पॉलिसी के तहत दुर्घटना बीमा के लिए आवेदन किया लेकिन बीमा कंपनी उन्हें क्लेम की राशि देने से आनाकानी करने लगी। इसके बाद थकहारकर पीड़िता ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत कर दी। शिकायत पर फैसला सुनाते हुए उपभोक्ता आयोग ने इंश्योरेंस कंपनी को नौ फीसदी ब्याज के साथ 10 लाख रुपये, जबकि मुआवजे के तौर पर 20 हजार और मुकद्दमेबाजी के लिए 10 हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं।





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