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पर्यटन स्थल चायल, बड़ोग और कसौली में पर्यटकों की भीड़

                                                           हिमाचल का कसौली सैलानियों से गुलजार

सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट 

वीकेंड से हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के पर्यटन स्थल चायल, बड़ोग और कसौली में पर्यटकों की आवाजाही बढ़नी शुरू हो गई है। अकेले कसौली में रविवार को होटलों की बुकिंग 70 प्रतिशत रही। वहीं शिमला में इस वीकेंड पर सैलानियों की संख्या कम रही।  पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में अधिक गर्मी होने से पर्यटकों ने पहाड़ी इलाकों का रुख करना शुरू कर दिया है। पर्यटकों के हिमाचल में रुख करने करने से कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर भी वाहनों की अधिक आवाजाही हो गई है। 

अधिकतर पर्यटक कसौली की ओर आ रहे हैं।पर्यटकों की आवाजाही से कसौली-गढ़खल मार्ग पर भी रुक-रुककर जाम लगता रहा। इस कारण जाम खुलवाने के लिए पुलिस कर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी। गढ़खल बाजार पांच क्षेत्रों से आने वाली सड़कों का केंद्र है, जिससे यहां जाम की स्थिति वैसे ही बनी रहती है। लेकिन बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से स्थिति और भी विकट हो जाती है। इसके अलावा पर्यटक कसौली के मुख्य बाजार समेत आसपास के क्षेत्रों में टहलते हुए भी दिखाई दिए। वहीं पर्यटक सीजन और चुनाव को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क है। एनएच समेत पर्यटक स्थलों पर पुलिस कर्मी तैनात हैं। प्रवेश द्वार पर वाहनों की जांच भी की जा रही है।राजधानी शिमला में इस वीकेंड पर कम पर्यटक घूमने पहुंचे।

इस वीकेंड पर शिमला के होटलों में ऑक्यूपेंसी 20 प्रतिशत रही है। शिमला में पर्यटकों की आवाजाही कम होने के कई कारण हैं। लोकसभा चुनावों के कारण भी इस समय बहुत कम लोग घूमने जा रहे है। ज्यादातर पर्यटक अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ होेने की वजह से कश्मीर और मनाली का रुख कर रहे है। कश्मीर में एयर कनेक्टिविटी बेहतर होने के कारण भी जम्मू-कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र में बढोतरी एक बड़ी वजह है। वहीं, शिमला के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ से चलने वाले हवाई जहाज कम यात्री क्षमता वाले हैं।शिमला में पर्यटकों की कम आवाजाही के कारण होटल कारोबार और पर्यटन से जुड़े अन्य कारोबार प्रभावित हुए हैं। शिमला में चलने वाली लिफ्ट में पिछले सप्ताह के मुकाबले आवाजाही में 30 फीसदी गिरावट आई है। इस समय हिमाचल में ज्यादातर पर्यटक मनाली, लाहौल-स्पीति जा रहे हैं। घोड़ा यूनियन के प्रधान गुलाम दीन बताते हैं कि इस सप्ताह उन्हें बहुत कम काम मिला है। इस सप्ताह उन्हें प्रतिदिन पांच सौ के करीब आमदनी हुई है। उनके घोड़ों को प्रतिदिन 800 रुपयों की डाइट की आवश्यकता होती है। इस समय उनका कारोबार लगातार घाटे में चल रहा है। इस सप्ताह सबसे कम पर्यटक शिमला पहुंचे हैं। होटलों में ऑक्यूपेंसी 20 प्रतिशत के करीब रही है। शिमला के लिए बाहरी राज्यों से बेहतर कनेक्टिविटी नहीं होना भी इस गिरावट की एक वजह है।




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