हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भीड़, ज्वालामुखी में कन्या पूजन के साथ नवरात्र शुरू
कांगड़ा, ब्यूरो रिपोर्ट
मंगलवार को चैत्र नवरात्र शुरू हुआ। नवरात्र के लिए राज्य के सभी शक्तिपीठों और अन्य मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है। वहीं, श्रद्धालुओं को आराम से दर्शन करने के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
पहले दिन सुबह 5:00 बजे शक्तिपीठ ज्वालामुखी में भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोले गए। सुबह शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। हिंदू नववर्ष के दौरान स्थानीय लोग भी दर्शन करने आए। मेले के पहले दिन पूरे मंदिर को रंग-बिरंगी रेखाओं से सजाया गया।
ज्वालामुखी मंदिर परिसर में डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा, एसडीएम ज्वालामुखी डॉ. संजीव शर्मा, मंदिर अधिकारी व तहसीलदार मनोहर लाल शर्मा और डीएसपी आरपी जसवाल के कर कमलों ने पुजारी एवं ट्रस्टी दिव्यांशु भूषण दत्त व अविनेंद्र शर्मा की विधिवत पूजा-अर्चना की।
शहनाई वादन की धुनों के साथ झंडा पूजन किया गया, नवीन झंडे माता के दरबार में चढ़ाए गए, और कन्या पूजन किया गया। सुरक्षा प्रणाली के लिए पच्चीस होमगार्ड जवान और अतिरिक्त पुलिस कर्मी लगाए गए हैं। मंदिर पुजारी व न्यास सदस्य अविनेद्र शर्मा ने कहा कि आज नव हिन्दू नववर्ष व चैत्र नवरात्र का शुभारंभ झंडा रस्म से हुआ।
उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि नवरात्रि का आगाज झंडा रस्म के साथ विधिवत पूजा-अर्चना से हुआ था। कहा कि श्रद्धालुओं को हर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है और प्रशासन ने सभी आवश्यक पुख्ता इंतजाम किए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने और सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शक्तिपीठ श्री नयनादेवी के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए रात दो बजे ही खुले थे। चार बजे चिंतपूर्णी और बज्रेश्वरी मंदिर के कपाट खुले, जबकि पांच बजे चामुंडा-ज्वालामुखी मंदिर के कपाट खुले। ज्वालामुखी मंदिर और श्री नयनादेवी में भी ड्रोन से सारी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।
श्री नयनादेवी मंदिर : - नवरात्र के दौरान श्रद्धालु रात दो बजे से मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। श्री नयनादेवी नगर को नौ सेक्टरों में बांट दिया गया है और 150 होमगार्ड और 200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे दरवाजा बंद रहेगा। इस दौरान आरती की जाएगी।
श्री ज्वालाजी मंदिर : - मंदिर के अंदर ढोल, नगाड़ा और नारियल ले जाना गैरकानूनी होगा। मन्दिर में पांच बार आरती होगी। सप्तमी, अष्टमी और नवमी को मंदिर पूरे दिन खुला रहेगा, सुबह पांच बजे।
श्री चामुंडा मंदिर :- सुबह पांच बजे श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के दरवाजे खुलेंगे। मंदिर अधिकारी गिरिराज ठाकुर ने बताया कि आचार्य बालक राम की अगुवाई में 31 विद्वान पंडित और 15 सहायक पंडित यज्ञशाला में धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। रात 10 बजे कमरे बंद हो जाएंगे।
श्री बज्रेश्वरी मंदिर :- वज्रेश्वरी मंदिर चार बजे खुलेगा और रात 10 बजे बंद होगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चालिस और होमगार्ड के चालिस जवान तैनात किए गए हैं।
श्री चिंतपूर्णी मंदिर :- मंदिर चार बजे श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। मंदिर देखने के लिए श्रद्धालु एमआरसी पार्किंग, शंभू बैरियर और बाबा श्री माईदास सदन से पर्ची खरीद सकेंगे। रात को साढ़े 11 बजे से 12 बजे तक खिड़की बंद रहेगी।
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