समग्र शिक्षा अभियान के इतिहास में पहली बार पूरा बजट खर्च किया गया
शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट
2023-24 के दौरान हिमाचल प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान पर पहली बार पूरा बजट खर्च किया गया था। भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022–2023 में शिक्षा को मजबूत करने के लिए 817 करोड़ रुपये खर्च किए थे। 31 मार्च 2024 तक परियोजना निदेशालय इस धन का उपयोग करेगा।
इस बार एक रुपये का बजट भी नहीं टूट गया है। बजट पिछले कुछ वर्षों में 73% से अधिक खर्च नहीं हुआ है। प्रदेश को इस बजट में पहली बार चौथी किस्त भी मिली है, क्योंकि समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय की मुस्तैदी के कारण ऐसा हुआ है। स्टार्स परियोजना के 274 करोड़ रुपये में से भी 99.07 प्रतिशत बजट स्कूलों पर खर्च किया गया है। भारत सरकार ने 2024-25 के लिए 966 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में बताया कि 2023-24 के दौरान केंद्र सरकार से 817 करोड़ रुपये का बजट मिला था। इसका पूरा खर्च हुआ है। इस बजट के तहत राज्य को पहली बार चारों किस्तें भी मिली हैं। हिमाचल प्रदेश संभवतः देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने बजट को समय पर खर्च किया है।
उनका कहना था कि बजट को चार किस्तों में 25 से 25 प्रतिशत दिया जाता है। पहली किस्त का 75% खर्च करने पर दूसरी किस्त मिलती है। हिमाचल ने पहली बार समय से कार्य कर पूरा बजट प्राप्त किया। बजट राशि 2020–2022 में 73% और 2021–2022 में 68% खर्च हो सकी है। उनका कहना था कि इसके लिए राज्य के अधिकारी को भी भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों ने धन्यवाद दिया है। इसके अलावा, स्टार्स प्रोजेक्ट पर 99.07 प्रतिशत बजट खर्च किया गया था। इस परियोजना में देश के केवल छह राज्यों ने भाग लिया है।
मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य भी पूरा बजट खर्च नहीं कर सका है। हिमाचल प्रदेश के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर दिया गया है, जैसा कि परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने बताया। ऐसा संस्थान शिमला में भी स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है, जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) की तरह है। प्रयागराज के संस्थान को शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए जल्द ही प्रदेश के अधिकारी निरीक्षण करेंगे।
परियोजना निदेशक ने कहा कि शिमला से सटे श्यामलाघाट में एक उच्च प्रशिक्षण संस्थान बनाने के लिए नौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। समग्र शिक्षा के लिए 2024–25 के लिए एक वार्षिक योजना और बजट 883.26 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर 42 प्रतिशत बजट खर्च किया जाएगा। 2023-24 में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर 294.33 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वर्ष 2024–25 के लिए राशि को 370.33 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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