शिमला शहर में फरवरी से बढ़ी दरों पर पीने का पानी बिल जारी होगा
शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कूड़ा शुल्क और प्रॉपटी टैक्स की दरें बढ़ने से शहरवासियों को एक और झटका लगा है। पीने का पानी भी महंगा हो गया है शिमला में। सरकार ने शहर में पानी की दरें 10% बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकार किया है।
विशेष रूप से, शहर ने फरवरी से पानी की बढ़ी दरें लागू करने का निर्णय लिया है। फरवरी से ही पेयजल कंपनी शहरवासियों को अधिक पानी के बिल देगी। वीरवार से उपभोक्ताओं को पानी के बिल मिलने लगेंगे। शहरी विधायक हरीश जनारथा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से पानी के बिलों को लेकर चर्चा की।
विधायक ने पानी की दरों को नहीं बढ़ाना चाहा। पेयजल कंपनी ने कहा कि शहर में पानी की दरें बढ़नी चाहिए क्योंकि विश्व बैंक की शर्त है। जनवरी पिछले वर्ष पानी की दरें बढ़ाई गईं। इस बार भी इस शर्त को फरवरी से लागू करना अनिवार्य है।
इसके कारण फरवरी से कंपनी ने शिमला में पानी के बिल जारी करने की प्रक्रिया बंद कर दी थी। कंपनी का दावा है कि अब ग्राहकों को बढ़ी दरों पर एक महीने का बिल मिलेगा। कंपनी के मीडिया एक्सपर्ट साहिल शर्मा ने बताया कि शहरवासियों को फरवरी से बढ़ी दरों पर पानी के बिल जारी किए जाएंगे।
राजधानी में पानी की लागत बढ़ने से लगभग 35 हजार पेयजल उपभोक्ता प्रभावित होंगे। शहर में लगभग 25 हजार घरेलू उपभोक्ता हैं, साथ ही लगभग 10 हजार व्यावसायिक और निर्माण उपभोक्ता भी हैं। अब उन्हें पानी का अधिक बिल चुकाना होगा। नगर निगम सदन ने पानी की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
भाजपा और कांग्रेस पार्षदों ने इस प्रस्ताव का एक सुर में विरोध किया था। लेकिन शिमला शहर को 24 घंटे पानी देने की शर्त के कारण सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। यदि ऐसा न होता तो विश्व बैंक इस योजना के लिए धन रोक सकता था।
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