खाद्य आपूर्ति निगम ने निर्णय लिया कि सस्ती दालें उपभोक्ताओं को डिपुओं में पैकेट बंद नहीं मिलेंगी।
शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान उपभोक्ताओं को अब पैकेट बंद दालें नहीं मिलेंगी। इन पैकेटों में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का चित्र है। खाद्य आपूर्ति निगम ने डिपो होल्डरों को पैकेट फाड़कर दालें देने के निर्देश दिए हैं, ताकि आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन न हो।
मुख्यमंत्री का चित्र माश और मलका के दो दालों में छपा है, लेकिन चना और मूंग में नहीं। ऐसे में खाद्य आपूर्ति निगम ने डिपो होल्डरों से दालें लिफाफे से निकालने को कहा है। खाद्य आपूर्ति निगम का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता से पहले दालों के आदेश दिए गए थे।
संबंधित एजेंसी को तीन महीने तक दालों की सप्लाई का आदेश दिया गया है। कि लोग खुद दालें लेने के लिए डिपो से खाली बैग या लिफाफा ले सकते हैं। खाद्य आपूर्ति निगम का मानना है कि उपभोक्ताओं को पैकेट वाली दालें देने से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है। ऐसे में निगम कोई गलती नहीं करना चाहता। हिमाचल में लगभग 19 लाख लोग राशनकार्ड का उपयोग करते हैं। प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को मलका, माश, चना और मूंग जैसे चार दालों में से तीन चुनती है। प्रदेश सरकार एक किलो नमक, दो लीटर तेल और चीनी भी सब्सिडी पर देती है। सरकार चावल और आटा दे रही है।
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