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कांग्रेस विधायकों के विरोध में सीआईडी की नजर

                    केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ की तैनाती की है, सीआईडी कांग्रेस के बागी विधायकों पर है

शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश की सीआईडी ने कांग्रेस के बागी विधायकों पर निगरानी रखी है। सीआईडी के पास चंडीगढ़ के एक निजी होटल में ठहरे इन बागी विधायकों से कौन-कौन मुलाकात कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने बागियों की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ बनाया है। 


होटलों के चारों ओर कड़ी पहरा है। सीआरपीएफ के जवान बागी विधायकों को हर जगह ले जाते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ का गठन किया है। सीआरपीएफ के जवान उनके साथ रहेंगे अगर उन्हें हिमाचल जाना है। सीआरपीएफ महानिदेशक ने हिमाचल पुलिस महानिदेशक को भी इस बारे में सूचित किया है। पुलिस मुख्यालय ने इस बारे में संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों को भी सूचित किया है।


 हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के छह बागी विधायक सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र भुट्टो और इंद्र दत्त लखनपाल हैं। इनके साथ तीन निर्दलीय विधायक भी हैं। प्राप्त सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की सीआईडी इस पूरी घटना पर नजर रखे हुए है। सीआईडी भी कांग्रेस के अन्य विधायकों को देख रही है। बागी हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र खत्म होने के बाद सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा के बीच चंडीगढ़ चले गए। ये अभी तक हिमाचल नहीं पहुंचे हैं। ये विधायक चंडीगढ़ के एक होटल में छह दिन बिताए हैं। 


इनके साथ भाजपा के कई विधायक भी हैं। होटल में बैठक हो रही है और अगले मोर्चाबंदी की योजना बनाई जा रही है। राजनीतिक घमासान के बीच प्रदेश में धरना-प्रदर्शन भी हो रहे हैं। हमीरपुर और धर्मशाला में धरना के दौरान भी कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं। यह देखते हुए पुलिस ने ऐसे घटनाक्रमों पर अधिक निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। जिला पुलिस अधीक्षक को सावधान रहने का आदेश दिया गया है। वर्तमान में, प्रदेश के जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है, वहाँ विवाद है। 


पुलिस ने इसका पालन किया है। पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विधायकों की हिमाचल यात्रा से स्थानीय विधानसभा क्षेत्र में हालात खराब हो सकते हैं। ऐसे में पुलिस इन विधायकों की ओर देख रही है। विधानसभा के गेट के पास भी क्रॉस वोटिंग के बाद खराब स्थिति थी। इन विधायकों ने सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा के बीच विधानसभा परिसर में प्रवेश किया। पुलिस सुरक्षा को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहती है। 

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