अगर होते पैरापिट तो शायद बच जाती दोनों की जान
चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट
संकीर्ण नकरोड़-हिमगिरी मार्ग पर अगर पैरापिट होते तो दो लोगों को जान न गंवानी पड़ती। शुक्रवार को हुआ दर्दनाक हादसा दो परिवारों को उम्र भर न भूलने वाले जख्म दे गया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि यदि मार्ग चौड़ा होता और पैरापिट होते तो शायद दोनों की जान बच जाती।
ग्रामीणों ने कहा कि वे कई बार मार्ग को चौड़ा करने और इसके विस्तारीकरण को लेकर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक लोक निर्माण विभाग चुराह ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए हैं। उन्होंने प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारियों से मार्ग को चौड़ा करने और पैरापिट लगाने की मांग की है।
ग्रामीणों में राकेश कुमार, दलीप कुमार, संजीव कुमार, अमित कुमार, हाकम चंद, योगराज, दिनेश कुमार और किरपा राम ने बताया कि लोक निर्माण विभाग जिले में सड़कों का जाल बिछाने के दावे तो करता है, लेकिन सड़कों को चौड़ा करने और पैरापिट लगाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नकरोड़-हिमगिरी मार्ग के संकीर्ण होने और इस पर कई जगह पैरापिट न होने से अब तक कई हादसे हो चुके हैं। इनमें कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
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