ग्राहक न होने से दुकानदारों का कामकाम भी हुआ ठप
सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट
झाड़माजरी सड़क पर लगी रेहड़ी-फड़ी के संचालक अपना कूड़ा बीबीएनडीए के प्रांगण में फेंक रहे हैं। जब बार-बार अवगत करवाने के बाद भी कूड़ा फेंकना बंद नहीं हुआ, तो बीबीएनडीए ने मार्केट और कार्यालय को जोड़ने वाले गेट को ही बंद कर दिया। इसके चलते दुकानदारों का कामकाज ठप हो गया। साथ ही ईएसआई डिस्पेंसरी में उपचार करवाने वाले लोगों को भी घूमकर जाना पड़ रहा है।
बीबीएनडीए के प्रांगण में लगभग आधा दर्जन विभागों के कार्यालय हैं, जिनमें मुख्य रूप से ईएसआईसी की डिस्पेंसरी, श्रम विभाग, आबकारी एवं कराधान विभाग और टेलीफोन एक्सचेंज आदि के कार्यालय हैं। जहां हर रोज सैकड़ों लोग आवाजाही करते हैं। इन लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए मार्केट पर निर्भर रहना पड़ता है, परंतु पिछले चार दिन से बीबीएनडीए ने मार्केट की ओर से निकलने वाले गेट को बंद कर दिया। अब ईएसआईसी डिस्पेंसरी में जाने वाले कामगारों को लोहे की कांटेदार तार लांघकर दवाई और लैब टेस्ट करवाने जाना पड़ रहा है। कई महिला मरीजों के तो तार में फंस कर कपड़े भी फट चुके हैं।
दुकानदारों का कहना है कि बीबीएनडीए को गंदगी फैलाने पर रेहड़ी-फड़ी वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। रेहड़ी-फड़ी वालों की गलती का खामियाजा गोल मार्केट के दुकानदार उठा रहे हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपये खर्च करके यहां अपनी दुकानें बनाई हैं। दुकानदार रिंकू राणा, हंसराज, बालकृष्ण अग्रवाल, जय पाल चौहान, मोहिंद्र सिंह, संजीव कुमार, बग्गा राम, वीरू और धनेश्चर गुप्ता ने बताया कि सभी दुकानदार अपनी इस समस्या को लेकर बीबीएनडीए की सीईओ से मिले थे और गेट खुलवाने की मांग की थी। बीबीएनडीए की सीईओ ने गेट खोलने का आश्वासन तो दिया था, लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी गेट नहीं खुला है। इससे दुकानदारों का काम ठप हो गया है। दुकानदारों ने बीबीएनडीए से गेट खोलने की मांग की है।
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