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मेट्रो की टीम ने जांची कालका-शिमला फोरलेन की सुरंगों की सुरक्षा

                                                    कालका-शिमला फोरलेन पर निर्माणाधीन सुरंगों की सुरक्षा और गुणवत्ता को मेट्रो की टीम ने जांचा

सोलन , ब्यूरो रिपोर्ट  

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने दो सुरंगों की सेफ्टी और गुणवत्ता की जांच की है जो कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर बनाई जा रही हैं। इस ऑडिट से टनल का काम पता चलेगा। अगर कोई अनियमितता पाई जाएगी, तो उसे दूर कर दिया जाएगा। 


टीम टनल की गुणवत्ता और सेफ्टी पर एक व्यापक रिपोर्ट बनाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) शिमला कार्यालय इस रिपोर्ट को जल्द ही प्राप्त करेगा। इस रिपोर्ट से कई परिवर्तन किए जा सकते हैं। इससे भी टनल में दुर्घटना की आशंका कम होगी। केंद्र सरकार की ओर से निर्माणाधीन टनल और पुल की समीक्षा करने के लिए डीएमआरसी से अनुबंध किया गया है। 


एनएचएआई द्वारा किए गए कामों की जानकारी लेकर रिपोर्ट बनाती है। ध्यान दें कि कंडाघाट और कैथलीघाट में कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो सुरंगा का निर्माण कार्य चल रहा है। कंडाघाट में निर्माणाधीन टनल का अधिकांश काम पूरा हुआ है। दूसरे पोर्टल से टनल बनाने का काम अब शुरू हो गया है।  टीम ने दोनों टनल में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता की जांच की है। 


साथ ही पता लगाया गया कि क्या प्रयोग में लाई गई सामग्री भविष्य में भी सुरक्षित रहेगी। इसी के साथ सरिया, कंक्रीट और अन्य प्रयोग होने वाले केमिकल की जांच की गई। कामगारों की सुरक्षा के लिए प्रणाली बनाई गई। मौके पर जांच की गई कि टनल के भीतर कामगारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं या नहीं। यह सब देखते हुए टीम कंडाघाट और कैथलीघाट टनल की रिपोर्ट बनाएगी। 


उत्तराखंड टनल की तरह भविष्य में कोई दुर्घटना न हो इसके लिए भी सुरक्षा प्रणाली बनाई गई। भविष्य की परिस्थितियों को जानने और दुर्घटनाओं को कम करने में भी इस जांच का बहुत फायदा मिलता है।  वास्तव में, कंडाघाट में वनवे टनल बनाया जा रहा है। 667 मीटर की लंबाई वाली यह टनल होगी।  इसमें पहले चरण में 440 मीटर कार्य पूरा हुआ है। 750 मीटर लंबी कैथलीघाट टनल बनाई जा रही है। लगभग 60% काम पूरा हुआ है। 

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