पर्यटकों की बहार, ट्यूलिप गार्डन गुलजार
काँगड़ा , ब्यूरो रिपोर्ट
पालमपुर में स्थित काउंसिंल ऑफ सांइसटीफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के ट्यूलिप गार्डन में हर दिन लोग रंग-बिरंगे फूलों को देखते हैं। 2 फरवरी से खुला हुआ ट्यूलिप गार्डन अब तक 65 हजार से अधिक लोगों ने देखा है। सीएसआईआर में हर दिन विदेशों से लोग आकर इन फूलों को देखते हैं।
सीएसआईआर में मौजूद यह ट्यूलिप गार्डन पिछले लगभग तीन साल से दुनिया भर में ख्याति प्राप्त कर चुका है। यह देश का दूसरा और राज्य का पहला ट्यूलिप गार्डन नहीं है, बल्कि कश्मीर के बाद है। इसमें लगभग छह विभिन्न फूलों की किस्में लगाई गई हैं। हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देने और पर्यटन को बढ़ाने में यह गार्डन सहायक हो रहा है।
बीते वर्ष यहां लगभग 70 हजार लोग आए थे। ऐसे में, इस साल ट्यूलिप गार्डन देखने आने वाले लोगों की संख्या एक नया रिकार्ड बना सकती है। इस साल, ट्यूलिप को खुले वातावरण और हाइड्रोपोनिक तकनीक से बढ़ाया गया है। सरकार और सीएसआईआर ने 2021 में शुरू किए गए फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत पालमपुर स्थित आईएचबीटी संस्थान केंद्र फूल उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है।
इससे अधिक किसानों को शामिल करके उनकी आय दोगुना करने की योजना बनाई जा रही है। हालैंड से ये फूल पहले आए थे, लेकिन अब सीएसआईआर में बनाए जा रहे हैं। हालाँकि, इनका बीज सिर्फ हालैंड से आया है। जिस पर शोध करके इसे बनाया गया है लाहौल-स्पीति, लद्दाख और कारगिल हिमाचल प्रदेश में इन फूलों की खेती होती है। इससे किसानों की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है। सीएसआईआर ट्यूलिप गार्डन के प्रभारी डॉ. भव्य भार्गव ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग गार्डन को देखने आ रहे हैं। बाहरी लोग भी आ रहे हैं। करीब 65 हजार लोगों ने इस ट्यूलिप गार्डन को देखा है। इस बार एक लाख लोगों का आंकड़ा मिल सकता है।
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