100 करोड़ से नए भवन और प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी
शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध संस्थानों ने नए सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी-2020) को लागू करने की तैयारी फिर से शुरू की है। एनईपी को प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने पर ही लागू किया जाएगा। अमेरिकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने नीति को 2024 से विश्वविद्यालयों में लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है।
सोमवार को विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों, संस्थानों के निदेशकों और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इसके उद्घाटन में भाग लिया, जो विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रो. एसपी बंसल की अध्यक्षता में हुआ था। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मेरू विश्वविद्यालय को 100 करोड़ रुपये की ग्रांट को विश्वविद्यालय के विकास में खर्च करने के बारे में भी चर्चा हुई। कुलपति ने बैठक में निर्णय लिया कि कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा, जो अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम की अध्यक्षता में होगी और पूर्व डीएस प्रो. कुलभूषण चंदेल को इसका समन्वयक बनाया जाएगा। शिक्षा नीति को विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थानों में लागू करने के लिए, यह कमेटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और मेरू को धरातल पर उतारेगी।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास में सौ करोड़ रुपये केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मिलेंगे, जो चार अलग-अलग क्षेत्रों में खर्च किए जाएंगे। नए भवन बनाने, भवन जीर्णोद्धार करने, तीसरे प्रयोगशालाओं को अपडेट करने, उपकरण खरीदने, शोध में गुणवत्ता सुधार करने और सॉफ्ट कंपोनेंट में वेबसाइट सुधार करने पर खर्च किया जाएगा। कुलपति ने बताया कि यह धन दो वर्षों में खर्च किया जाएगा।
हमें हर कैम्पस को मेरू के तहत बदल दिया जाएगा। कुलपति ने विश्वविद्यालय की वेबसाइट को बेहतर बनाने के लिए एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए। उन्हें भी पीएम उषा में हर विभाग को मासिक और त्रैमासिक न्यूज़ लैटर की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। कुलपति ने कहा कि हर विद्यार्थी को नए सत्र में नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में पंजीकरण करना अनिवार्य है।
इस सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत होना आवश्यक है। कुलपति आचार्य राजिंद्र वर्मा, पूर्व कुलपति आचार्य ज्योति प्रकाश शर्मा, कुलसचिव डॉ. विरेंद्र शर्मा, अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बाल कृष्ण शिवराम, अधिष्ठाता योजना, अधिष्ठाता महाविद्यालय विकास परिषद आचार्य एसएस नारटा, मुख्य छात्रपाल आचार्य रोशन लाल जिंटा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल और वित्त अधिकारी पीसी जसवाल इस अवसर पर उपस्थित थे। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की 28 मार्च से शुरू होने वाली स्नातक डिग्री कोर्स के पहले, दूसरे और तृतीय वर्ष की परीक्षाओं के लिए सोमवार से रोलनंबर जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
शिमला के राजीव गांधी महाविद्यालय कोटशेरा, आरकेएमवी और संजौली जैसे कई कॉलेजों ने यूजी छात्रों को रोलनंबर देने में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए अलग-अलग स्टाफ तैनात किया है। प्रदेश भर में विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बनाए गए 153 केंद्रों में लगभग 85 हजार विद्यार्थी अपीयर होंगे. इन केंद्रों में बीए, बीएससी, बीकॉम और शास्त्री कोर्स की पढ़ाई दी जाएगी। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि 28 मार्च से शुरू हो रही परीक्षाओं की तैयारियां लगभग पूरी कर दी गई हैं।
हर तरह की सामग्री परीक्षा केंद्रों तक पहुंच चुकी है, ड्यूटी स्टाफ भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन आईडी के माध्यम से तीनों वर्ष के विद्यार्थियों का रोलनंबर ऑनलाइन उपलब्ध है। परीक्षा शुरू होने से पहले, विद्यार्थी अपने रोलनंबर डाउनलोड करें और इसे हर बार परीक्षा केंद्र पर ले जाएं। परीक्षा में बैठने के लिए रोलनंबर की आवश्यकता होगी। जिन विद्यार्थियों के ऑलनइन रोलनंबर नहीं मिलेंगे, वे अपने संस्थान से तुरंत संपर्क करें और इंटरनल असेसमेंट, सीसीए अपलोड करवाने और प्राचार्य से समय पर वेरिफिकेशन करने के लिए कहा जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि 23 मार्च तक सभी स्कूलों को प्रत्येक विद्यार्थी का सीसीए और आईए अपलोड करने और शिक्षक से वेरिफिकेशन करने के बाद ऑनलाइन छात्र रोलनंबर जारी किया जाएगा, जिसे विद्यार्थी कभी भी डाउनलोड कर सकते हैं। सोमवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का वार्षिक बजट 2024-25 पारित हुआ। विवि की वित्त कमेटी की बैठक, कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें सदस्यों ने नए वित्त वर्ष का 308 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव पारित किया, जो 34 करोड़ रुपये के घाटे के साथ था। इस बजट में नए वित्त वर्ष में राज्य सरकार से बिना किसी बढ़ोतरी के 152 करोड़ का वार्षिक अनुदान मिलेगा. इसके अलावा, विश्वविद्यालय की परीक्षा फीस से लगभग सौ करोड़ की आय अन्य स्रोतों से मिलेगी, और करीब 274 करोड़ की आय अन्य स्रोतों से मिलेगी।
308 करोड़ रुपये का संपूर्ण बजट है। विवि कर्मचारियों के वेतन, बकाया एरियर सहित अन्य देनदारियों को चुकाने के लिए विवि को प्रदेश सरकार से अतिरिक्त सहायता अनुदान की आस रहेगी। 2022-23 में विश्वविद्यालय को 145 से 152 करोड़ रुपये की सहायता दी गई थी। विद्यापीठ के सहायता अनुदान में पिछले दो वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
विद्यालय के वित्त अधिकारी पीसी जसवाल, सरकारी वित्त सचिव दिवेश कुमार, प्रो. श्याम लाल कौशल और अन्य सदस्यों ने बजट पारित करने के लिए बैठक में भाग लिया। कुलपति ने इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय से अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए शार्ट टर्म और लांग टर्म वित्तीय योजनाओं को बनाने और अपने आय स्रोत से आए बढ़ाने पर विचार करने को कहा।
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