Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

आखिर किन कारणों से शरद ऋतु में भी ठंडा रहा पर्यटन कारोबार

                              प्रदेश के सबसे बड़े पर्यटन कारोबार को उभारने में शरद ऋतु असफल रही

धर्मशाला,रिपोर्ट मोनिका शर्मा 

 प्रदेश के सबसे बड़े पर्यटन कारोबार को उभारने में शरद ऋतु असफल रही है। फरवरी तक धौलाधार की पहाड़ियों और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी न होने के कारण पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठंडा रहा। जनवरी में वीकेंड पर भी होटलों में 10 फीसदी से अधिक ऑक्यूपेंसी नहीं पहुंच पाई। वहीं, अन्य दिनों में ऑक्यूपेंसी न के बराबर ही रही। फरवरी में हुई बर्फबारी से भी पर्यटन कारोबार को ज्यादा बूस्ट नहीं मिल पाया है। 

केवल बर्फबारी के दौरान ही होटलों में 40 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी पहुंच पाई थी। होटलों में 20 फीसदी छूट देने के बाद भी सैलानी पर्यटन नगरी का कम ही रुख कर रहे हैं। रविवार को भी होटलों में ऑक्यूपेंसी 25 फीसदी तक ही पहुंच पाई।तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा भी लंबे समय से अपने निवास स्थान मैक्लोडंगज में नहीं थे। इस वजह से भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी गई। इसके अलावा पठानकोट-मंडी और मटौर-शिमला फोरलेन का निर्माण कार्य होने के कारण पर्यटक यहां आने से परहेज कर रहे हैं। 

बारिश के दौरान दोपहिया वाहन चालक यहां आने से पूरी तरह से कतरा रहे हैं। इसका असर पर्यटन कारोबार पर पड़ रहा है। पर्यटन कारोबारी वीकेंड पर भी सैलानियों की राह ताक रहे हैं लेकिन अंत में उन्हें मायूसी हाथ लग रही है।7 मार्च को धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में टेस्ट मैच होगा जिसको लेकर पर्यटन कारोबार में बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसके साथ ही क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी के संकेत भी मौसम विभाग ने दिए हैं। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा भी लंबे समय के बाद अपने निवास स्थान मैक्लोडंगज वापस लौटें हैं जिससे भी पर्यटकों की संख्या में उछाल मिलेगा।

वीकेंड पर धर्मशाला और मैक्लोडगंज के होटलों में केवल 20 से 25 फीसदी ऑक्यूपेंसी पहुंच रही है। जनवरी में एक बार भी बर्फबारी न होने के कारण पर्यटन कारोबार काफी प्रभावित हुआ है। — राहुल धीमान, अध्यक्ष, होटल एंज रेस्तरां एसोसिएशन स्मार्ट सिटी धर्मशाला।पर्यटन निगम के होटलों में ऑफ सीजन के चलते 20 फीसदी छूट दी जा रही है, लेकिन होटलों में वीकेंड पर भी मात्र 25 फीसदी तक ही ऑक्यूपेंसी रह रही है। लंबे समय तक दलाई लामा के भी यहां न होने से कारोबार प्रभावित हुआ था।


Post a Comment

0 Comments

45 फीसदी से कम अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को भी मिलेगा डीएलएड करने का मौका