दो-तीन बार करें निराई, बंपर होगी लहसुन की फसल
कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट
जिले में लहसुन की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है। इससे सैकड़ाें किसान प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हैं। किसान इससे अच्छी आमदनी भी अर्जित कर रहे हैं।हाल ही हुई बर्फबारी और बारिश लहसुन की फसल के लिए संजीवनी साबित हुई है। सूखे के चलते लहसुन पीली पड़ने लगी थी। ऐसे में लहसुन उत्पादकों को कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लहसुन के पौधों के विकास के लिए निराई कार्य के साथ नत्रजन खाद को डालें। इससे लहसुन फसल की बढ़ोतरी और गुणवत्ता बेहतर होगी। लिहाजा किसानों को समय रहते लहसुन फसल की निराई करनी चाहिए।
जिले में करीब 1,500 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की पैदावार हो रही है। कुल्लू के लहसुन की मांग दक्षिण भारत में अधिक रहती है। जिले में लहसुन का करोड़ों का कारोबार होता है। इन दिनों पौधों की वृद्धि होनी शुरू हो रही है। खरपतवार की वजह से फसल के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। किसानों को लहसुन में दो-तीन निराई करनी चाहिए। लहसुन के पौधे बड़े होने की अवस्था में मिट्टी चढ़ाएं। लहसुन उत्पादक देवराज नेगी, लाल चंद, ज्ञान, अमित ठाकुर, अनूप राम आदि ने कहा कि इन दिनों वे लहसुन निराई में जुट गए हैं। बारिश होने के कारण लहसुन पौधों का विकास बेहतर हो रहा है।खरपतवार उगने से फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दो-तीन बार निराई से पौधों का विकास बढ़िया और गुणवत्ता भी अच्छी होती है। अधिक जानकारी के लिए कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें।
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