प्राेजेक्ट प्रबंधन ने वापस ले ली एंबुलेंस, बच्चों की छात्रवृत्ति भी रोकी
चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट
चुराह विधानसभा क्षेत्र में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट प्रबंधन ने प्रभावित लोगों की सुविधा के लिए दी एंबुलेंस को अब सड़क किनारे खड़ा कर दिया है।इसके चलते प्रभावित क्षेत्र के लोगों को उस एंबुलेंस का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट प्रबंधन ने प्रभावित पंचायत के साथ जो करार किया था, उसे भी खत्म कर दिया है। इस करार के तहत प्रोजेक्ट की तरफ से पंचायत के सात बच्चों को हर वर्ष पांच साल तक पढ़ाई करने के लिए छात्रवृत्ति देनी थी। दो वर्ष तक प्रोजेक्ट की तरफ से बच्चों को यह छात्रवृत्ति दी जाती रही, लेकिन अब यह भी बंद कर दी गई है।
जो एंबुलेंस प्रोजेक्ट ने वर्ष 2019 में प्रभावित क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए पंचायत को दी थी, उसे वापस लेकर कोटी में सड़क किनारे खड़ा कर दिया है। चार वर्षाेंं से एंबुलेंस सड़क किनारे धूल फांक रही है। इसे दोबारा चालू करवाने के लिए कई बार स्थानीय लोगों ने प्रोजेक्ट प्रबंधन से मांग भी की, लेकिन उनकी मांग को प्रोजेक्ट प्रबंधन ने पूरा नहीं किया। यही कारण है कि प्रभावित क्षेत्र के लोग अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।ग्राम पंचायत चांजू में कोस मोस पावर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का निर्माण 2019 में किया गया था। उस दौरान कंपनी और स्थानीय लोगों के बीच काफी विवाद भी रहा। इसी विवाद को खत्म करने के लिए प्रोजेक्ट और प्रभावित पंचायत के बीच में करार हुआ।
करार में एंबुलेंस सेवा के साथ स्थानीय बच्चों को स्कॉलरशिप देने की बात कही गई थी। अब प्रोजेक्ट प्रबंधन अपने वायदे से मुकर रहा है। चांजू पंचायत प्रधान टेको देवी ने बताया कि प्रोजेक्ट प्रबंधन अपनी मनमानी कर लोगों को एंबुलेंस सेवा नहीं दे रहा है। बच्चों को स्कॉलरशिप भी नहीं दे रहा। इसको लेकर जल्द ही प्रशासन से लिखित में शिकायत की जाएगी।उधर, नागरिक उपमंडल अधिकारी चुराह जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि ग्रामीण यदि उनके पास शिकायत करते हैं तो इसको लेकर प्रोजेक्ट प्रबंधन से जवाबतलब किया जाएगा।
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