एयरपोर्ट को किसी ऐसी जगह पर स्थापित किया जाना चाहिए जहाँ विस्थापन कम हो और कृषि भूमि भी कम नष्ट हो
ज्वाली,रिपोर्ट राजेश कतनौरिया
चौधरी फाउंडेशन हिमाचल प्रदेश ने गग्गल एयरपोर्ट विस्तारीकरण का विरोध करते हुए कहा है कि यहविस्तारीकरण कृषि भूमि के बड़े भाग को नष्ट कर देगा, जिस से वहाँ के लोग अपना गुजर बसर करते हैlफाउंडेशन के अध्यक्ष रोबिन कौँडल ने कहा कि एयरपोर्ट को किसी ऐसी जगह पर स्थापित किया जाना चाहिए जहाँ विस्थापन कम हो और कृषि भूमि भी कम नष्ट हो। उन्होंने कहा कि गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हमारे लोग पहले ही पौँग डैम बनने की वजह से लाखों की संख्या मे प्रभावित हुए, जिन्हे आज तक उनके हक नहीं मिले व आज भी वह न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं l गगल बाजार से हजारों परिवारों को रोजगार मिलता है, उनके घरो का चूल्हा जलता है, इस प्रकार से इतने लोगों का रोजगार छीनना किसी भी तरह से जनकल्याणकारी नहीं है।
रोबिन ने कहा, "हमें यह समझना होगा कि कृषि भूमि हमारे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। हमें अपनी कृषि भूमि को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।" कृषक परिवारों को राजनीतिक साजिश करके उनकी उपजाऊ कृषि योग्य भूमि और आजीविका से बंचित किया जा रहा है जो कि असहनीय है l जब एयरपोर्ट के लिए वोडक्वालू में प्रयाप्त भूमि है तो इन लघु किसानों को उनकी जमीन व आजीविका से बंचित न किया जाए l उन्होंने कहा कि चौधरी फाउंडेशन गग्गल एयरपोर्ट विस्तारीकरण का विरोध करने वाली संगर्ष समिति के साथ खड़ा है।उन्होंने कहा, "हम सरकार से मांग करते हैं कि वह गग्गल एयरपोर्ट विस्तारीकरण की योजना को रद्द करे lचौधरी फाउंडेशन और संगर्ष समिति ने लोगों से गग्गल एयरपोर्ट विस्तारीकरण का विरोध करने की अपील की है।
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