विशेषज्ञ बोले- क्षमताओं को ध्यान में रख कर बनाई भविष्य की योजना, खुशहाल होंगे किसान
काँगड़ा,हिमाचल
बजट में सस्टेनेबल डेवलपमेंट (टिकाऊ विकास) का लक्ष्य रखते हुए लोक कल्याण और आर्थिक विकास को संतुलित करने का प्रक्रिया प्रयास करता दिखाई देता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया है। इस बजट का अनुमानित व्यय 58.444 करोड़ रुपये है। बजट में सस्टेनेबल डेवलपमेंट (टिकाऊ विकास) का लक्ष्य रखते हुए लोक कल्याण और आर्थिक विकास को संतुलित करने का प्रक्रिया प्रयास करता दिखाई देता है।
वर्ष 2023-24 में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। राज्य का कुल सकल घरेलू उत्पाद बढ़कर 20.7 लाख करोड़ रुपये हो गया। मौजूदा बजट में सरकार का उद्देश्य अपनी मौजूदा क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए भविष्य के लिए योजना बनाना लग रहा है। यह समीक्षा हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. इंद्रवीर सिंह ने की है। उन्होंने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र पर विशेष जोर दिया गया है। प्राकृतिक खेती से उगाई 20 क्विंटल अनाज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करके प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया गया है।
गाय और भैंस के दूध पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 45 और 55 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इसके अलावा बजट में नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन और स्वास्थ्य पर भी पर्याप्त ध्यान दिया गया है। बजट 2024-25 में शिक्षा के आधुनिकीकरण की तरफ एक बड़ा प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा के लिए 9,560 करोड़ के बजट का प्रस्ताव रखा। राज्य में 5-3-3-4 शिक्षा प्रणाली लागू होगी।
राज्य में तीन साल का प्री-स्कूल पाठ्यक्रम भी विकसित करेगा। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में छह हजार प्री-प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। यह एक सही दिशा में कदम है। इससे निजी और सरकारी स्कूलों के बीच बढ़ती दूरी कम होगी। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में एमए अर्थशास्त्र की छात्रा मनीषा ने अपने खोज कार्य में निजी स्कूलों और आंगनबाड़ियों में समान उम्र के बच्चों के बीच सीखने में अंतर पाया है।
सरकारी स्कूल के विद्यार्थी अब कक्षा एक से अंग्रेजी पढ़ पाएंगे। यह भी एक स्वागत योग्य कदम है। अंग्रेजी वैश्विक स्तर पर संवाद करने की एक भाषा है और कम उम्र में भाषा सीखना आसान है। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा। सरकार ने दिव्यांगों के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
इससे दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। बजट 2024-25 में 850 शैक्षणिक संस्थानों को स्मार्ट कक्षाओं और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इंस्टीट्यूट ऑफ़ एक्सीलेंस में बदलने की योजना है। इसके अलावा सरकार ने पढ़ो हिमाचल के तहत 500 शैक्षणिक संस्थानों में वाचनालय बनाने और सभी जिलों, उपमंडलों और पंचायतों में पुस्तकालय स्थापित करने की योजना भी बनाई है।
ये आधुनिक शिक्षा प्रणाली की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं, जो छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे। कृषि विवि पालमपुर के पूर्व कुलपति एवं कृषि विशेषज्ञ प्रो. अशोक सरियाल ने कहा कि बजट में 680 करोड़ की राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना से किसानों को जोड़ना सरकार का अच्छा प्रयास है। बजट में सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए जो घोषणा की है, वह सराहनीय कदम है। इससे किसान खुशहाल होंगे और जमीन जहर मुक्त भी होगी। कृषि विवि ने प्राकृतिक खेती की पहले ही शुरुआत की है, जिसके अच्छे परिणाम आए हैं।
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