तीसा अस्पताल में उपचार के लिए आएं तो ग्लब्स और सिरिंज साथ लाएं
चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट
अगर आप सिविल अस्पताल तीसा में आउट डोर उपचार के आ रहे हैं तो सिरिंज और ग्लब्स साथ लाएं। अस्पताल में सिरिंज और ग्लब्स का स्टॉक खत्म है।इस कारण करीब दो माह से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि अस्पताल की ओपीडी में आउटडोर में रोजाना 200 से 250 मरीज उपचार करवाने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में अब आउटडोर में मरीजों को उपचार करवाना मरीजों पर सरकारी अस्पताल में भी महंगा ही साबित हो रहा है। सिविल अस्पताल तीसा में संसाधनों की कमी से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गौर रहे कि चुराह उपमंडल की 55 पंचायतों तीसा प्रथम, तीसा द्वितीय, पधर, जुंगरा, खजुआ-बिहाली, नेरा, थल्ली, चिल्ली, सतयोआ, लेसुई, भराड़ा, टिकरीगढ़, देहरोग, भंजराडू, खुशनगरी, बघेईगढ़, चांजू, चरड़ा, देहरा, जसौरगढ़, दियोला, हिमगिरी, आयल, बणतंर, मक्कण, सनवाल, झझाकोठी, कुठेड़-बुदौड़ा, थनेईकोठी, सेईकोठी, डोंरी, गुवाड़ी इत्यादि की पौने दो लाख की आबादी उपचार के लिए तीसा अस्पताल पर ही निर्भर है। बता दें कि जिला चंबा के चुराह उपमंडल में बीपीएल परिवारों और अंत्योदय परिवारों की तादाद सबसे अधिक है।
ऐसे में इन वर्गों मरीजों को काफी आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। इन परिवारों के लिए भले ही सरकार की ओर से मुफ्त इलाज करवाने और कई सरकारी योजनाएं तो चलाई गई हैं, लेकिन धरातल पर हालात ऐसे हैं कि आर्थिक बोझ के चलते ये सब दबते जा रहे हैं।अस्पताल पहुंचे मरीजों के तीमारदारों में हरीश कुमार, लाल चंद, देवी सिंह, जन्म सिंह, लतीफ मोहम्मद, जानकी देवी, कौशल्या देवी, आरती देवी ने बताया कि सिविल अस्पताल तीसा में वर्तमान में आउट डोर में उपचार करवाने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को सिरिंज और ग्लव्ज के लिए दस से लेकर 45 रुपये खर्च कर लाने पड़ रहे हैं। इसके बाद ही उनका उपचार शुरू हो पाता है। बताया कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
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