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ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने से जंगल में हुआ अवैध कटान

                                   वन रक्षक की गैरमौजूदगी की वजह से जंगल में काट दिए देवदार के पेड़

चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट 

वन मंडल चुराह के डियुर जंगल में देवदार के अवैध कटान मामले में विभाग ने वन रक्षक की तनख्वाह रोक दी है। जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक वन रक्षक को वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा।वन रक्षक पर ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप हैं। उसकी लापरवाही की वजह से वन काटुओं ने जंगल में देवदार के दो पेड़ों को काट डाला। इन पेड़ों के अवैध कटान के बारे में विभाग को भी शायद पता नहीं लग पाता, लेकिन स्थानीय लोगों ने ड्यूटी से नदारद चल रहे वन रक्षक के बारे में उसके वन खंड अधिकारी को बता दिया।

साथ ही उसकी गैर मौजूदगी में जंगल में हुए अवैध कटान को लेकर भी सूचित कर दिया। लोगों की शिकायत मिलने के उपरांत जब वन खंड अधिकारी वन रक्षक की बीट में पहुंचे तो वन रक्षक वहां से गायब था। इसको लेकर जब उन्होंने गहनता से जांच की तो उन्हें पता चला कि वन रक्षक पिछले कई दिनों से ड्यूटी से नदारद है। इसके बाद उन्होंने जंगल में जाकर देवदार के कटे हुए पेड़ों की छानबीन की तो इसमें उन्हें दो देवदार के पेड़ों के ठूंठ मिले। इसे अवैध रूप से काटा गया था। इन पेड़ों की लकड़ी जंगल से गायब थी। जब इसको लेकर वन रक्षक से पूछताछ की गई तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया।उन्होंने इस पूरी घटना की रिपोर्ट बनाकर वन परिक्षेत्र अधिकारी को दी। उन्होंने इस मामले के बारे में वन मंडलाधिकारी को बताया। 

इसके बाद वन मंडलाधिकारी ने वन रक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में उसका सही जवाब नहीं मिलने के चलते विभाग ने वन रक्षक की तनख्वाह पर रोक लगा दी है। फरवरी में जो उसे वेतन मिलना था। अब वह उस वेतन को नहीं ले पाएगा। इतना ही नहीं, जिस जंगल में देवदार के पेड़ों का अवैध कटान हुआ है।विभाग ने इस पूरे जंगल में पेड़ों की जांच शुरू करवा दी है। ऐसे में यदि इससे पहले भी अगर वहां अवैध कटान हुआ होगा तो वह भी सामने आ सकता है।वन मंडल अधिकारी चुराह सुशील कुमार गुलेरिया ने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले वन रक्षक की तनख्वाह को रोक दिया गया है। जब तक इस मामले में जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उसे तनख्वाह नहीं दी जाएगी।




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