इस वर्ष पहली बार लोग गर्मियों से पहले पानी के लिए आमने सामने
सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट
आमतौर पर गर्मियों के दौरान हर साल पानी को लेकर जगह-जगह से छिटपुट मामले सामने आते हैं। इसमें पेयजल किल्लत, समय पर पानी न मिलना, पानी की सप्लाई एक सप्ताह बाद मिलना और योजनाओं में जलस्तर कम होने की खबरें आती हैं, लेकिन पहली बार गर्मियों से पहले ही पानी को लेकर दो जिले के लोग आमने-सामने हो गए हैं। इसके बावजूद सरकार अभी तक मौन है।
सोलन-बिलासपुर जिले की सीमा पर त्रिवेणी खड्ड में बन रही कीकर-नवगांव योजना का विवाद अब कुछ लोगों के बीच से बढ़कर राजनीतिक रूप लेने लगा है। 15 दिनों से जहां लोग योजना में तंबू लगाए बैठे हैं, वहीं अब प्रशासन को पुलिस बल भी यहां पर तैनात करना पड़ा है। हालांकि मामले में जांच कमेटी गठित कर दी गई है। जलशक्ति विभाग के अधिकारी भी दौरे कर रहे हैं। इसमें भाजपा और कांग्रेस समर्थक भी एकजुट होने लगे हैं, मगर अभी तक सरकार मामले में मौन है। जो लोग अपने स्तर पर मंत्रियों से मिले भी हैं, उन्हें भी कोरे आश्वासन और जांच पूरी होने की बात कही जा रही है।
अर्की विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नवगांव में कीकर नवगांव उठाऊ पेयजल योजना का दिसंबर के आखिरी सप्ताह में निर्माण कार्य शुरू हुआ। इससे अर्की क्षेत्र की सात पंचायतों कशलोग, सेवड़ा चंडी, पारनू, संघोई, मांगू, नवगांव व दाड़लाघाट के लोगों को सीधा लाभ मिलना है। योजना को लेकर बिलासपुर के श्री नयना देवी विधानसभा क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि अगर यह योजना बनती है तो उनकी तीन दर्जन से अधिक पेयजल व सिंचाई योजनाएं प्रभावित होंगी। कई घराटों का अस्तित्व भी खतरे में आ जाएगा। लोगों का आरोप है कि पंचायतों के बहाने अंबुजा सीमेंट उद्योग को पानी दिया जा रहा है।
अर्की क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों का तर्क है कि योजना अर्की क्षेत्र में बन रही है। यह बीते 5 फरवरी को योजना स्थल पर धरना दे चुके हैं। स्थानीय बीडीसी सदस्य सोमा कौंडल, दाड़लाघाट पंचायत प्रधान बंसी राम भाटिया व कृष्ण देव गौतम का कहना है कि यह पानी अर्की क्षेत्र की खड्डों का ही इसमें जाता है। क्षेत्र की सात पंचायतों को पानी आएगा। बिलासपुर के लोग अंबुजा का बहाना बनाकर जानबूझकर योजना को बनने से रोक रहे हैं। इसका कानूनी जवाब दिया जाएगा।उधर, बिलासपुर की अली खड्ड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रजनीश शर्मा का कहना है कि यदि योजना बनती है तो उनके क्षेत्र में गर्मियों में पेयजल और सिंचाई का संकट खड़ा हो जाएगा। योजना में अर्की क्षेत्र से राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। स्थानीय दाड़लाघाट सीमेंट उद्योग के ठेकेदार को संरक्षण प्राप्त है। अभी तक कोई रिपोर्ट भी उन्हें नहीं दी गई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा था कि रिपोर्ट आने तक कोई भी कार्य शुरू नहीं होगा, मगर नियमों को ताक पर रखकर कार्य चल रहा है। उन्होंने किसी भी अनहोनी के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया है।
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