देश-विदेश में आईएचबीटी का ट्यूलिप गार्डन बना चूका है अपनी पहचान
पालमपुर,रिपोर्ट नेहा धीमान
अपने खूबसूरत रंग-बिरंगे फूलों के लिए देश-विदेश में पहचान बना चुका पालमपुर स्थित आईएचबीटी संस्थान का ट्यूलिप गार्डन दो फरवरी से दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा। कश्मीर के बाद देश का दूसरा और प्रदेश का पहला ट्यूलिप गार्डन कुछ वर्ष पूर्व पालमपुर में हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान में स्थापित किया गया था। इसमें ट्यूलिप्स की विभिन्न प्रजातियों को लगाया जाता है, यह गार्डन हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा एवं पर्यटन को अग्रसर करने में मदद कर रहा है।
बीते वर्षों के दौरान देश-विदेश से लाखों सैलानी पालमपुर में ट्यूलिप गार्डन देखने पहुंचे हैं। जानकारी के अनुसार ट्यूलिप को इस साल खुले वातावरण व हाइड्रोपोनिक तकनीक द्वारा उगाया गया है। पालमपुर स्थित आईएचबीटी संस्थान केंद्र सरकार और सीएसआईआर द्वारा 2021 को शुरू किए गए फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत फूलोत्पादन को प्रोत्साहित कर रहा है। इससे अधिक से अधिक किसानों को जोड़ की उनकी आय दोगुना करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
गौर रहे कि हालैंड ट्यूलिप के फूलों की सबसे अधिक पैदावार करने वाला देश है और हालैंड में तैयार किए जा रहे बल्ब ही बाकि देशों द्वारा आयात किए जाते हैं। भारत में भी हालैंड से ही ट्यूलिप के बल्ब मंगवाए जाते हैं, लेकिन अब आईएचबीटी के वैज्ञानिकों के प्रयासों ने देश में फूलों की खेती में एक बड़े बदलाव का संकेत दे दिया है। बीते वर्षों के दौरान लाखों संख्या में लोग आईएचबीटी में ट्यूलिप गार्डन देखने पहुंच चुके हैं। अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की मूर्ति को अर्पित करने के लिए ट्यूलिप के फूल भेजे गए थे और अब नए रंग- बिरंगे फूलों के साथ ट्यूलिप गार्डन एक बार फिर लोगों को आकर्षित करने को तैयार है।
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