पर्ची काउंटर के बाहर धीरे-धीरे मरीजों की भीड़ बढ़ रही है
ऊना,रिपोर्ट अविनाश चौहान
समय: सुबह 09:45 बजे। घने कोहरे के बीच मरीज और तीमारदार अस्पताल पहुंच रहे हैं। पर्ची काउंटर के बाहर धीरे-धीरे मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। धरातल तल पर मेडिसन ओपीडी के बाहर मरीज कतार में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान बंगाणा क्षेत्र से आई एक महिला ओपीडी के बाहर निकलती है। पर्ची पर लिखे गए कुछ टेस्ट तो सरकारी लैब में ही होते हैं जबकि अधिकतर टेस्ट क्रस्ना लैब में करवाने के लिए लिखे होते हैं। लैब में टेस्ट करवाने के लिए कुछ मरीज क्षेत्रीय अस्पताल से निकलकर मातृ-शिशु अस्पताल में चलाई जा रही क्रस्ना लैब में जा रहे हैं।
इस दौरान एक लैब कर्मचारी से जब मरीज पूछता है कि भाई ऐह टेस्ट इत्थे हो जाणा यानी कि ये टेस्ट यहां हो जाएगा तो कर्मचारी जवाब देता है कि पहले तां इत्थे हो जांदे थे हुण कंपनी ने टेस्ट करने तो मना किता है, त्हाणू हुंण बाहर जाके निजी लैब विच ही टेस्ट करवाणे पैणे यानी पहले टेस्ट यहीं होते थे लेकिन अब कंपनी प्रबंधन उन्हें टेस्ट करने के लिए मना कर दिया है। आपको निजी लैब में टेस्ट करवाने पड़ेंगे। इस पर मरीज कहता है कि एह तां बड़ी दिक्कत है फेर यानी यह तो बहुत बड़ी दिक्कत है। इतना कहते हुए मरीज लैब परिसर से बाहर निकल जाता है।
सुबह 10:20 बजे अस्पताल की लैब में टेस्ट करवाने के लिए मरीज बारी-बारी से क्षेत्रीय अस्पताल परिसर में स्थित सरकारी लैब में टेस्ट करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। लैब मेंं टेस्ट करवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करने वाले मरीज व तीमारदार आपस में बातचीत के दौरान कह रहे हैं कि सुबह उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि क्रस्ना लैब में टेस्ट नहीं हो रहे हैं। सरकारी लैब में आधे से ज्यादा टेस्ट तो होते ही नहीं हैं। ऐसे में गरीब आदमी के लिए तो यह बहुत बड़ी परेशानी है। इस दौरान एक बुजुर्ग कहता है कि वोटां लैणे वेले तां नेता बड़े बड़े वादे करदे, चुनाव जितणें ते बाद लोकां नूं कोई नीं पूछदा यानी वोट लेने के लिए तो नेता बड़े-बड़े वायदे करते हैं लेकिन जीत जाने के बाद उन्हें कोई नहीं पूछता है।
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