गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण प्रभावितों को एक वर्ष तक मिलेगा जीवन निर्वाह भत्ता
काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान
गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण के प्रभावित होने वाले लोगों के लिए पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए योजना बनाई गई है। इस योजना को संबंधित प्रभावित पंचायतों और पटवार सर्किलों में रखा गया है, ताकि ग्रामीण इसका अध्ययन कर सकें। इस रिपोर्ट के अनुसार विस्थापित कुटुंबों के लिए एक वर्ष की अवधि तक जीवन निर्वाह अनुदान का प्रावधान किया गया है। इसके तहत ऐसे प्रत्येक प्रभावित परिवार को जिसे अर्जित भूमि से विस्थापित किया गया है, उन्हें अधिनिर्णय की तिथि से एक वर्ष की अवधि तक तीन हजार रुपये प्रतिमाह के समतुल्य जीवन निर्वाह भत्ता मासिक तौर पर दिया जाएगा।
इस अलावा इस धनराशि के अतिरिक्त अनुसूचित क्षेत्रों से विस्थापित किए गए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को 50 हजार रुपये के समतुल्य राशि प्रदान की जाएगी। अनुसूचित क्षेत्रों में विस्थापन की दशा में यथा संभव प्रभावित परिवारों को वैसे ही पारिस्थितिकी क्षेत्र में पुनर्वासित किया जाएगा, जिससे जनजातीय समुदायों के आर्थिक अवसरों, उनकी भाषा, संस्कृति और सामुदायिक जीवन को परिरक्षित रखा जा सके।
जिला प्रशासन की ओर से पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए संबंधित पंचायत घरों और पटवार सर्किलों में रखी इस रिपोर्ट में प्रभावितों को मिलने वाले अन्य लाभों का भी उल्लेख किया गया है। मौजूदा समय में कांगड़ा एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 1,370 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है। अब रनवे को 3,110 मीटर करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में कांगड़ा एयरपोर्ट पर एयर इंडिया, स्पाइस जेट और विमानन कंपनी इंडिगो की उड़ानें चल रही हैं। छोटे हवाई जहाज आने की वजह से दिल्ली से धर्मशाला का किराया यात्रियों को छह से 30 हजार तक वहन करना पड़ता है।
गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण के दौरान कांगड़ा और शाहपुर उपमंडल के बाग, बरस्वालकड़, बल्ला, भेड़ी, ढुगियारी खास, गगल खास, झिकली इच्छी, मुगरेहड़, सहौड़ा, सनौरा, रछियालु, जुगेहड़, भड़ोत और कियोड़ी गांव जद में आएंगे।गगल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 14 गांवों से लगभग 1,200 परिवारों की जमीन अधिग्रहण की जानी है। प्रदेश सरकार की ओर से की गई अधिसूचना में 1,200 परिवारों की जमीन का ब्योरा भी दिया जा चुका है। अधिग्रहण के लिए सरकार ने 14 गांवों की सरकारी और निजी करीब 147 हेक्टेयर (करीब 3847 कनाल) जमीन चयनित की है। इसमें 123 हेक्टेयर निजी और 24 हेक्टेयर सरकारी भूमि चयनित है।गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण से विस्थापित होने वाले लोगों के लिए पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन के तहत रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट को संबंधित पंचायतों और पटवार सर्किलों में रखा गया है, जहां से संबंधित लोग इस बारे और अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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