बीमा योजना और बचत बैंक के काम प्रभावित
ऊना,रिपोर्ट अविनाश चौहान
कमलेशचंद्र कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने तथा नियमित कर्मचारियों के समान तमाम लाभ देने की मांग को लेकर मंगलवार से देशभर के ग्रामीण डाक कर्मी देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ग्रामीण डाक कर्मियों के प्रति केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार के कारण इस वर्ग में भारी रोष पाया जा रहा है। ग्रामीण डाक कर्मचारियों के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार द्वारा गठित कमलेशचंद्र कमेटी की रिपोर्ट को आज दिन तक केंद्र सरकार ने पूरी तरह से लागू नहीं किया है, इस कारण देशभर में ग्रामीण डाक कर्मियों में रोष व्याप्त है। अखिल भारतीय जीडीएस यूनियन के आह्वान पर ग्रामीण डाक कर्मी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे ग्रामीण डाक बीमा योजना, डाक बीमा योजना, महिला सम्मान समृद्धि और बचत बैंक जैसे सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
यूनियन के मंडलीय सचिव जगतार सिंह ने कहा कि शाखा डाकघरों में विभाग ने दुनिया भर की योजनाओं को तो लागू कर रखा है, लेकिन ग्रामीण डाक कर्मियों को आठ घंटे के कार्य के बदले न तो नियमित कर्मचारियों के समान लाभ मिल रहे हैं और न सुविधाएं दी जा रही है। मंगलवार को ऊना मुख्य डाकघर में जोरदार प्रदर्शन करते हुए जीडीएस कर्मियों ने नारेबाजी की। यूनियन ने एक पत्र देकर साफ कर दिया है कि अगर नो वर्क-नो पे लागू होता है तो कोई भी जीडीएस हड़ताल के दिनों की डाक का वितरण नहीं करेंगे। हड़ताली कर्मियों को हिमाचल के परिमंडल सचिव एचएस गुलेरिया ने भी संबोधित किया।ग्रामीण डाकघरों में आरपीएलआई, (ग्रामीण डाक बीमा योजना), पीएलआई (डाक बीमा योजना) सुकन्या समृद्धि, महिला सम्मान समृद्धि, बचत बैंक, आवर्ती जमा, ईएमओ, पंजीकृत पत्रों को बुकिंग, टाइम डिपॉजिट के साथ-साथ आईपीपीबी का कार्य भी ग्रामीण डाक कर्मी कर रहे हैं। लेकिन मंगलवार को हड़ताल के चलते सभी कामकाज प्रभावित रहे।
इससे लोगों को भी परेशानी हुई। जगतार सिंह ने कहा कि डाक विभाग में करीब 80 प्रतिशत कार्य ग्रामीण डाकघरों के माध्यम से ही हो रहा है। नियमित कर्मचारियों के बराबर काम करने के बावजूद ग्रामीण डाक कर्मियों से सरकार भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है।ग्रामीण डाक कर्मियों की मांगों में ग्रामीण डाक कर्मियों की ड्यूटी आवर आठ घंटे करके नियमित कर्मचारियों का दर्जा देना, 1/1/16 से नियमित कर्मचारियों की तरह 12, 14, 36 साल की सेवा पूरी करने पर समयबद्ध वित्तीय लाभ देना, समूह बीमा पांच लाख रुपये तक करना, जीडीएस ग्रेच्युटी को पांच लाख तक बढ़ाना, सवैतनिक अवकाश 180 दिनों तक बढ़ाना और उसका नगदीकरण करना शामिल हैं। आईपीपीबी, आरपीएलआई, पीएलआई बचत योजनाओं को जीडीएस के कार्यभार में शामिल करने सहित कई अन्य मांगें हैं।
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