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नगरोटा बगवां के मेधावी और गरीब बच्चों की एक साल की फीस देंगे बाली

                                         मस्सल स्कूल के वार्षिक समारोह में शिरकत कर की घोषणा 

धर्मशाला,रिपोर्ट मोनिका शर्मा 

प्रदेश के बच्चों को उज्जवल भविषय देना सरकार की प्राथमिकता है। नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के जो बच्चे अंत्योदय में आते हैं या कच्चे घरों में रहते हैं तथा जो दसवीं व बारहवीं कक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाएंगे उनकी एक वर्ष की फीस मैं स्वयं वहन करूंगा। यह उद्गार आज शनिवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मस्सल के वार्षिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आर.एस. बाली ने व्यक्त किए। बाली ने कहा कि बच्चों के हाथ में ही हमारे प्रदेश और समाज का भविष्य है। उन्होंने कहा कि मेधावी बच्चों को पढ़ाई में प्रोत्साहन मिले और गरीब परिवारों के बच्चे पैसों के अभाव में पढ़ाई न छोड़ें इसके लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।

बाली ने वार्षिक उत्सव में शिरकत करते हुए स्कूल में बच्चों को और अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने पाठशाला के लिए 6 कमरे और एक शौचालय बनाने हेतु प्रथम चरण में 50 लाख रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कार्य का अनुमानित खर्च करीब 1 करोड़ 14 लाख रूपए आएगा, जिसे चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने इसके अलावा पाठशाला के लिए विभिन्न कार्यों को पूरा करने हेतु सात लाख रूपये देने की घोषणा की।

पर्यटन निगम के अध्यक्ष आर.एस बाली ने संबोधन के दौरान कहा कि नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र को शिक्षा के हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र के बच्चों को घर के नजदीक ही उच्च शिक्षा सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है। नगरोटा बगवां में भी डे बोर्डिंग स्कूल के लिए भूमि चयनित कर ली गई है।कार्यक्रम के अंत में उन्होंने परीक्षाओं, विद्यालय की अन्य गतिविधियों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया। स्कूल के छात्रों ने उनके समक्ष अनेक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस दौरान उन्होंने जनसमस्याओं को भी सुना और उनका निवारण किया।



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