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कृषि मंत्री ने केंद्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से भेंट की

 कृषि मंत्री प्रोण् चन्द्र कुमार ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पशुपालनए डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री परशोत्तम रूपाला से भेंट की

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

कृषि मंत्री प्रोण् चन्द्र कुमार ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पशुपालनए डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री परशोत्तम रूपाला से भेंट की।कृषि मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के माध्यम से प्रदेश में दुग्ध उत्पाद तैयार करने के लिए आधुनिक दुग्ध संयंत्र स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की परियोजना रिपोर्ट के अनुसार ढगवार में नए संयंत्र को कार्यशील बनाने के लिए क्षेत्र में 1415 ग्राम दुग्ध सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रसंघ की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए दुग्ध गतिविधियों को बढ़ाने तथा पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है।केंद्रीय मंत्री ने कृषि मंत्री को हरसम्भव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया और इस सम्बंध में उचित कार्यवाही के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।

कृषि मंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रसंघ द्वारा 11 ज़िलों में डेयरी विकास गतिविधियां चलाई जा रही हैं। प्रसंघ द्वारा 1107 समितियों का गठन किया गया है जिसके माध्यम से 47259 दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित किया जा रहा है। वर्तमान में मिल्कफेड द्वारा 91500 लीटर प्रतिदिन क्षमता के 22 मिल्क चीलिंग सेंटर और 1.30 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के 11 दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र, शिमला के दत्तनगर में 5 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का एक पाउडर संयंत्र और हमीरपुर के भौर में 16 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का एक कैटल फूड प्लांट चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों को विपणन के लिए विभिन्न सुविधाओं के साथ-साथ प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रसंघ द्वारा दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इसकी प्रापण दर बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा दुग्ध आधारित अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए हिम गंगा योजना आरम्भ करने की घोषणा की गई है। इसके तहत 500 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। प्रथम चरण में यह योजना पायलट आधार हमीरपुर और कांगड़ा जिला में आरम्भ की जा रही है।


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