पार्टी की कोशिश है कि इस बड़े और भव्य आयोजन के जरिये आम चुनाव की जमीन भी तैयार कर ली जाए
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के एक साल पर 11 दिसंबर को होने जा रहा आयोजन कई मायनों में खास रहेगा। पार्टी की कोशिश है कि इस बड़े और भव्य आयोजन के जरिये आम चुनाव की जमीन भी तैयार कर ली जाए। सरकार की कोशिश होगी कि सालभर की उपलब्धियों और लोकलुभावनी घोषणाओं के दम पर कांग्रेस के लिए अभी से चुनावी माहौल बनाया जाए। साथ ही पार्टी संगठन को भी पूरी तरह से एक्टिव मोड पर लाया जाए। सरकार और संगठन में तालमेल और कांगड़ा की उपेक्षा के मुद्दों पर विपक्ष को करारा जवाब भी इसी जश्न से दिया जाएगा।
संगठनात्मक स्तर की इसी सुस्ती को तोड़ने के लिए प्रदेशभर में ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की बैठकों का सिलसिला जोरों पर है। बैठकों के जरिये पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एकजुट कर उनमें जोश व उत्साह भरा जा रहा है। तात्कालिक लक्ष्य तो धर्मशाला के जश्न की सफलता है लेकिन, इसी बहाने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी कैडर को जगाकर जमीन तैयार करने की कोशिश भी है। निष्क्रियता के मामले में दो टूक चेतावनी पार्टी पदाधिकारियों को दी जा चुकी है। जश्न के लिए धर्मशाला का चयन भी कांगड़ा की उपेक्षा के आरोप पर सुक्खू सरकार का पलटवार है। अब जश्न के लिए सरकार और संगठन की जुगलबंदी भी बनती दिख रही है। कोशिश है तालमेल और उपेक्षा से जुड़े विपक्ष के सियासी हथियारों की धार कुंद करने में कसर बाकी न रह जाए।
प्रदेश महासचिव रजनीश किमटा का कहना है कि जश्न की ऐतिहासिक सफलता के लिए कांग्रेस संगठन पूरी तरह से जुट गया है। पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकार और संगठन बेहतर तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। तैयारियों के दौरान लोकसभा चुनाव ध्यान में है। निष्क्रिय पदाधिकारियों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं होगी।मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू का कहना है कि धर्मशाला के आयोजन और लोकसभा चुनाव की जंग के लिए कांग्रेस एकजुट है। सरकार का एक साल उपलब्धियों भरा रहा है। समारोह ऐतिहासिक होगा। पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह साफ दिख रहा है। 11 दिसंबर को दिख जाएगा कि कांग्रेस कार्यकर्ता लोकसभा की जंग में भाजपा को पटकनी देने के लिए कमर कस चुके हैं।
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