चिकित्सकों की कमी से चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान
चिकित्सकों की कमी के कारण क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं। यह अस्पताल पहले से ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। लेकिन अब साल का आखिरी महीना होने के चलते जिन चिकित्सकों की छुट्टियां बचती हैं, वह अवकाश पर चले गए हैं। जिस कारण ओपीडी में चिकित्सक नहीं मिल रहे। कुछ ऐसा ही हाल रेडियोलॉजी विभाग में भी है।
रेडियोलॉजी विभाग में रेडियोलॉजिस्ट के चार पद स्वीकृत हैं, लेकिन तीन पद खाली चल रहे हैं। एकमात्र चिकित्सक भी 31 दिसंबर तक अवकाश चल रही हैं। अब यहां अल्ट्रासाउंड करने वाला कोई नहीं है। इस कारण गायनी विभाग में आने वाले गर्भवती महिलाओं, सर्जरी विभाग और मेडिसन विभाग में आने वाले मरीजों को अल्ट्रसाउंड की सुविधा नहीं मिल रही। मजबूरन मरीज निजी अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड केंद्रों का रुख कर रहे हैं। सरकारी अस्पताल में अल्ट्रसाउंड की सुविधा निशुल्क है।
जबकि निजी अस्पतालों में 800 रुपये से एक हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। अस्पताल में रोजाना की ओपीडी एक हजार के करीब है। लेकिन मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा न मिलने के कारण मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। जिन विभागों में एक-एक चिकित्सक है, वहां पर मरीजों को चेकअप के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं मौजूदा चिकित्सक पर भी दबाव बढ़ रहा है। सर्जरी विभाग और मेडिसन में एक-एक चिकित्सक हैं। ईएनटी विभाग में दो पद हैं, लेकिन एक चिकित्सक लंबी छुट्टी पर है।क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला में चिकित्सकों की कमी के बारे में विभाग के उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है। तपोवन विस सत्र के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सचिव से भी इस मामले में बात हुई है। कम स्टाफ के बावजूद मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास जारी हैं।
0 Comments