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प्रदेश भर में 13,950 इंतकाल और तकसीम के 527 मामलों का निपटारा

                    लोगों की सुविधा के लिए 01 व 02 दिसंबर को राजस्व लोक अदालतों का हुआ आयोजन

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ प्रदेश सरकार के विभिन्न निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुरूप प्रदेश में राजस्व लोक अदालतों के आयोजन से लम्बे अरसे से लम्बित मामलों का समाधान सुनिश्चित हुआ है।राज्य सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि 01 और 02 दिसंबर, 2023 को प्रदेश भर में तहसील स्तर तक आयोजित राजस्व लोक अदालतों में इंतकाल के लम्बित 13,950 तथा तकसीम के 527 मामलों का निपटारा किया गया।

उन्होंने कहा कि 30 नवंबर, 2023 तक प्रदेश में इंतकाल के 21,212 मामले लम्बित थे, जबकि तकसीम के लम्बित मामलों की संख्या 28,470 थी। 01 व 02 दिसंबर को आयोजित राजस्व लोक अदालतों के बाद अब प्रदेश में इंतकाल के 7262 तथा तकसीम के 27,943 मामले लम्बित हैं। उन्होंने कहा कि इंतकाल के सबसे ज्यादा 3839 मामलों का निपटारा कांगड़ा जिला में किया गया, मंडी में 2190 और शिमला में 2190 लम्बित मामले निपटाए गए, जबकि हमीरपुर तीसरे स्थान पर रहा जहां इंतकाल के 1023 मामलों का निपटाया गया।

प्रवक्ता ने कहा कि वर्षों से लम्बित राजस्व मामलों की बड़ी संख्या पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कड़ा संज्ञान लेने के बाद प्रदेश में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है तथा अब तक इंतकाल के लम्बित कुल 45,055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार, वर्षों से लम्बित राजस्व मामलों का निपटारा कर प्रदेश के आम लोगों की समस्याओं का हल करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के आयोजन से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में 30 व 31 अक्तूबर, 2023 को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया गया था, जिसमें इंतकाल के लंबित 31,105 मामलों का निपटारा किया गया था।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इंतकाल और तकसीम के लम्बित मामलों का निपटारा 20 जनवरी, 2024 तक करने के निर्देश दिए है तथा सभी जिलों से प्रतिमाह रिपोर्ट भी मांगी जा रही है। इसके साथ ही निपटाए गए मामलों की पूरी जानकारी नाम, पते व फोन नंबर के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं।




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