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ऊना और धर्मशाला में सबसे ज्यादा फैला पटाखों का धुआं

                                                         प्रदेश में सुधरा दिवाली पर प्रदूषण का स्तर

सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट 

दिवाली की रात चले पटाखों ने प्रदेश की आबोहवा को दूषित कर दिया। प्रदेश में जिला ऊना और धर्मशाला की हवा सबसे अधिक प्रदूषित हुई है। ऊना का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 153 और धर्मशाला का 140 पहुंच गया। हालांकि शिमला और मनाली का 50 से नीचे रहने वाला एक्यूआई भी इस बार बढ़ा है। शिमला का 78 और मनाली का 55 रहा। हालांकि यह संतोषजनक श्रेणी में रहा।पावंटा का 111 मोडरेट जोन में रहा। औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़, बद्दी, बरोटीवाला, पांवटा साहिब की हवा में भी प्रदूषण का जहर घुल गया है। हालांकि दिवाली से दो दिन पहले हुई बारिश ने कुछ हद तक प्रदूषण रोका है। बरोटीवाला, नालागढ़, कालाअंब, परवाणू, डमटाल, सुंदरनगर का एयर इंडेक्स संतोषजनक जोन में रहा।

गौरतलब है कि 50 से कम एक्यूआई पर्यावरण के हिसाब से अच्छा माना जाता है। 51 से 100 तक संतोषजनक जोन में रहता है। जब एक्यूआई 101 से 200 तक पहुंच जाता है तो मॉडरेट जोन में गिना जाता है। 201 से तीन सौ तक खराब श्रेणी में आता है। डमटाल में 60, परवाणू में 87, कालाअंब में 83, बरोटीवाला में 96 व नालागढ़ का 86 रहा।पिछले साल के मुकाबले इस बार दिवाली पर सूबे में कम प्रदूषण दर्ज किया गया। पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 97 के स्तर पर था जो इस साल घटकर 92 पहुंच गया। दिवाली पर प्रदेश में सुधार के बावजूद प्रदेश की हवा सामान्य दिनों के मुकाबले लगभग दो गुना ज्यादा प्रदूषण भरी रही। सामान्य दिनों में प्रदेश का एक्यूआई 52 के स्तर पर होता है, जो दिवाली पर 92 था। इस साल दिवाली पर राजधानी में प्रदूषण का स्तर पिछले चार साल के अधिकतम स्तर रहा। शहर में 2020 से  प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी जा रही थी। इस साल पिछले कुछ सालों के चलन से विपरीत प्रदूषण स्तर में 65% बढ़ा है।




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