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सीएचसी बसदेहड़ा पिछले कुछ महीने से महज एक महिला डॉक्टर के सहारे ही चल रहा है

                                    मात्र एक चिकित्सक के सहारे 30 बिस्तरों वाला सीएचसी बसदेहड़ा

ऊना,रिपोर्ट अविनाश चौहान 

पंडित रामकृष्ण भारद्वाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बसदेहड़ा पिछले कुछ महीने से महज एक महिला डॉक्टर के सहारे ही चल रहा है। हालांकि एक दंत चिकित्सक भी हैं, लेकिन मेडिसिन की एक महिला डॉक्टर ही 30 बिस्तरों वाले अस्पताल को संभाल रहीं है। अस्पताल में 24 घंटे चिकित्सा सेवा की सुविधा तो दूर मरीजों के उपचार के लिए दिन में भी पर्याप्त संख्या में चिकित्सक नहीं हैं।

क्षेत्र की जनता को उम्मीद थी कि प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से अपग्रेड होकर सीएचसी बनने पर लोगों को 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी, लेकिन हाल फिलहाल सीएचसी बसदेहड़ा पुराने ढर्रे पर चल रही है। यहां आवश्यक स्टाफ को भरने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इस कारण लोगों को न तो ठीक से स्वस्थ सुविधा मिल रही हैं और न ही यहां पर आपातकालीन स्थिति में सेवाएं मिल रही हैं।स्थानीय लोगों में विवेक कुमार, रविंद्र सिंह, मीना देवी, बबीता कुमारी, सतिंद्र कुमार सहित अन्य का कहना है कि आलीशान अस्पताल तो बना दिया, लेकिन उपचार के लिए डॉक्टर कब तैनात होंगे कोई नहीं जानता। सूत्रों की मानें तो तैनात डॉक्टरों को अकसर अन्य सीएचसी में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा रहा है। इससे स्थानीय सीएचसी में डॉक्टरों की भारी कमी खल रही है।सीएचसी में एक डॉक्टर के साथ कम से कम तीन नर्सिंग स्टाफ होना लाजमी है। रात्रि के वक्त आपातकाल में लोगों को अभी भी 108 की मदद से क्षेत्रीय अस्पताल ऊना या निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। लोगों का सवाल है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने और 30 बिस्तरों की सुविधा देने का अर्थ क्या है।

शिवसेना के प्रांतीय अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ, व्यापार मंडल अध्यक्ष सुभाष ऐरी, चेयरमैन दीपक द्विवेदी, जिला परिषद के पूर्व सदस्य पंकज सहोड़, मनोज कुमार औद्योगिक क्षेत्र से अभिषेक कौशल और उद्योग संघ मैहतपुर के अध्यक्ष सीएस कपूर ने कहा कि 30 बिस्तर का अस्पताल बनाने का तभी लाभ है, जब लोगों को 24 घंटे की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हों।खंड चिकित्सा अधिकारी बसदेहड़ा डॉ. रामपाल शर्मा ने कहा कि सीएचसी में डॉक्टर कम हैं। उसी के अनुरूप लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं देने के लिए चिकित्सकों के साथ अन्य स्टाफ की भी आवश्यकता होगी, जिसके लिए प्रयास चल रहे हैं।





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