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जिला मंडी के सराज घाटी में सजावटी फूलों का 50 फीसदी उत्पादन गिरा

                                    सिराज घाटी में फूलों के 15 से 18 हजार बॉक्स प्रति वर्ष निकलते हैं

मंडी,रिपोर्ट संगीता मंडयाल 

मंडी जिला की सराज घाटी में सजावट के काम आने वाले कारनेशन, लिलियम, जिप्सो, एस्टोमा और सन फ्लावर फूलों का उत्पादन गिर गया है। इससे पुष्प उत्पादकों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। पुष्प उत्पादकों का आरोप है कि कंपनी के माध्यम से मिलने वाले पौधों की गुणवत्ता खराब निकलने से फूलों का उत्पादन 50 फीसदी लुढ़का गया है। इससे फूलों की पौध देने वाली कंपनियों और पुष्प उत्पादकों में विरोधाभास पैदा हो गया है।

सराज के करीब 400 लोग पुष्प उत्पादन से जुड़े हैं। अब स्थिति यह है कि पुष्प पौध की गुणवत्ता का हल न निकला तो फूलों का कारोबार बंद हो सकता है। पहले सराज घाटी के पुष्प उत्पादकों को चीन से आयात होने वाले फूलों की वजह से दाम कम मिल रहा था, लेकिन अब दाम उम्दा मिलने लगने थे तो पौध की गुणवत्ता सही न होने से फूलों का उत्पादन प्रभावित हो पाया है।मणिमहेश लाजिस्टिक ग्रुप के अध्यक्ष भूपेंद्र कुमार ने बताया कि फूलों की खेती के लिए वर्षों से कंपनियों से पौध ले रहे हैं, लेकिन इस बार फूलों की पौध की गुणवत्ता अच्छी न होने के कारण उत्पादन 50 फीसदी गिर गया है। 15 लाख पुष्प पौध का उत्पादन लेने वाले लोग इस साल करीब 5 लाख पुष्प पौध तक सिमट गए हैं।

पुष्प उत्पादकों में पाल, रूप सिंह, प्रेम सिंह, नेक राम, तुलसी राम, ठाकर दास, अजय, कुमार, इंद्र सिंह, खुबे राम, अमर सिंह, बालक, हीरा लाल और मात राम ने बताया की उन्हें इस बार फूलों की खेती में भारी नुकसान हुआ है। बता दें कि सिराज घाटी में फूलों के 15 से 18 हजार बॉक्स प्रति वर्ष निकलते हैं। इससे 15 से 18 करोड़ रुपये का सालाना पुष्प कारोबार होता है। मगर इस बार संकट के बादल छा गए हैं। शिकायत के बावजूद बागवानी विभाग की ओर से अभी तक कुछ नहीं किया गया है।पुष्प उत्पादकों ने इस संबंध में विभाग के पास शिकायत दी है। जल्द ही फील्ड में जाकर जायजा लिया जाएगा। मामले की जांच पड़ताल कर रिपोर्ट बनाई जाएगी।





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