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पैराग्लाइडिंग विश्व कप के पहले दिन यूएस के पायलटों ने किया बेहतर प्रदर्शन

                                                         2 घंटे 1 मिनट में लक्ष्य पर पहुंचे ऑस्टिन

बैजनाथ,रिपोर्ट जोनी खान 

बीड़ बिलिंग में चल रहे पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप के पहले दिन के परिणाम के अनुसार यूएसए के पायलटों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के प्रवक्ता एडवोकेट अंकित सूद ने बताया कि पहले दिन  ओवरऑल प्रतियोगिता में यूएसए के ऑस्टिन ने 2 घंटे एक मिनट 59 सेकंड में लक्ष्य पूरा किया। यूएसए के ही मैट सीनियर 2 घंटे 10 मिनट 15 सेकंड में लक्ष्य पर पहुंचकर दूसरे, भारत के यशपाल ने 2 घंटे 10 मिनट 56 सेकंड में तीसरे स्थान पर हैं।

इंडियन नेशनल में यशपाल पहले स्थान पर,अश्विनी ठाकुर दूसरे स्थान और रंजीत सिंह तीसरे स्थान पर चल रहे हैं। महिला प्रतिभागियों में यूएसए की जेनी ओनेल पहले स्थान पर, स्विट्जरलैंड की वीरा दूसरे और यूएसए की आइसा वेला तीसरे स्थान पर चल रही हैं।सीनियर क्लास में भारत के यशपाल पहले स्विट्जरलैंड के माइकल दूसरे और नॉर्वे के डगफिन्न तीसरे स्थान पर हैं। स्पोर्ट्स क्लास में भारत के यशपाल पहले, स्विट्जरलैंड के नोआह दूसरे और स्विट्जरलैंड के ही थॉमस तीसरे स्थान पर हैं। पहले दिन 93 प्रतिभागियों ने बिलिंग से टेक ऑफ करके अपने टास्क के लिए उड़ान भरी। सभी प्रतिभागियों को 67.4 किमी का गोल दिया था।प्री वर्ल्ड कप पर रूस और यूक्रेन युद्ध की मार पड़ी है। युद्ध के कारण 32 प्रतिभागी मुकाबले से बाहर हो गए हैं। अब 17 देशों के 93 पायलट ही मुकाबले में भाग ले रहे हैं। वैश्वीकरण नीतियों के चलते रूस के 17, ईरान के सात, कजाकिस्तान का एक, यूक्रेन के दो, नेपाल के पांच और कनाडा का एक प्रतिभागी प्रतियोगिता से बाहर हो गया है।

नेपाल के प्रतिभागी हवाई गतिविधियों की संस्था न होने के कारण बाहर हुए हैं। एसोसिएशन अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता के लिए 199 पायलटों ने आवेदन किया था। इनमें से 93 के दस्तावेज सही पाए गए हैं। 74 पायलटों के दस्तावेज पूरे नहीं हो सके हैं।इस मर्तबा बिलिंग में 300 के करीब विदेशी पायलटों ने दस्तक दी है और आंकड़ा अब तक का सबसे अधिक है। उम्मीद की जा रही थी कि इस बार मुकाबले में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की संख्या का आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नया रिकॉर्ड काम करेगा, लेकिन दस्तावेजों की कमी और वैश्वीकरण नीतियों के चलते रिकॉर्ड अधूरा रह गया है।




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