भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं भारतीय राज्य पेंशनर संघ के वारिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट से आये निर्णय का सम्मान व सराहना की है। वहीं उन्होंने प्रदेश सीएम से कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हुए सभी सेवानिवृत कर्मचारियों को वर्ष 2016 से छठे वेतन आयोग के लाभ प्रदान करने के आदेश देने की मांग व आग्रह किया है।
घनश्याम शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार व प्रदेश सीएम वर्ष 2016 से छठे वेतन आयोग के लाभ प्रदान करने के आदेश दें, ताकि अन्य पेंशनर्स विशेष कर पारिवारिक पेंशन भोगी अदालतों के खर्चों से बच सकें। शर्मा ने कहा कि वर्तमान में सैकड़ों ऐसे मामले कई सालों से पेंशनर्स के हाईकोर्ट लंबित हैं। जिनके कारण शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सचिवालय में अन्य जनिहत के कार्य लंबित पड़े हैं व लगभग सभी कार्यालयों के कर्मचारी इन कोर्ट केसों के जवाब देने में व्यस्त हैं। शर्मा ने कहा कि इसी तरह 7 जुलाई 2022 को हाईकोर्ट ने पदोन्नित पर उनकी पे प्रोटेक्शन करने के लिए ऐतिहासिक निर्णय 15 वर्ष के अंतराल के बाद दिया था, लेकिन आज इस निर्णय को लागू करवाने के लिए प्रत्येक पदोन्नत स्कूल प्राध्यापकों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।
यह बहुत ही चिंताजनक बात है । शर्मा ने मुख्यमंत्री से इस अदालती निर्णयों को अमली जामा पहनाने के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देने तथा कर्मचारियों के पेंशन की लंबित मांगों पर सकारात्मक रवैया अपनाने का आग्रह किया है। ताकि वरिष्ठ नागरिकों को अदालतों के चक्कर न लगाना पड़े। शर्मा ने यह भी कहा कि कोर्ट के निर्देशों के बावजूद सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जाना सरकार की हिटलरशाही को दर्शा रहा है। जिससे प्रदेश के कर्मचारी वर्तमान सरकार से तंग आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के विकास में रीढ़ की हड्डी साबित होने वाले कर्मचारी ही जब अपने हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं, तो वे अन्य कार्यो पर क्या ध्यान देंगे। ऐसे में सरकार को अब सभी कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा करना चाहिए।
0 Comments