किरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट का काम जून 2024 तक पूरा किया जाना था
मंडी,रिपोर्ट संगीता मंडयाल
किरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट का काम जून 2024 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब इस कार्य को पूरा होने में कम से कम दो वर्षों का अतिरिक्त समय लगेगा।सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से अहम किरतपुर-मनाली फोरलेन के क्षतिग्रस्त भाग का नए सिरे से डिजाइन बनाया जाएगा। हर चीज को ध्यान में रखते हुए डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने आईआईटी के साथ एमओयू साइन किया जा रहा है। एमओयू को साइन करने के बाद इसके नए डिजाइन पर काम शुरू होगा।
इसी आधार पर इसकी डीपीआर बनाकर मंजूरी के लिए मंत्रालय को भेजी जाएगी। मंडी से मनाली तक भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं के कारण फोरलेन को ज्यादा नुकसान पहुंचा। कहीं-कहीं पर तो फोरलेन का नामोनिशान ही मिट गया है। ऐसे में अब यहां पर फोरलेन को उसके मौजूदा स्थान पर फिर से बना पाना संभव नहीं है।किरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट का काम जून 2024 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब इस कार्य को पूरा होने में कम से कम दो वर्षों का अतिरिक्त समय लगेगा। किरतपुर से मनाली तक 190 किलोमीटर के भाग पर मंडी से मनाली के बीच फोरलेन को भारी क्षति पहुंची है। यहां पर 20 किलोमीटर के भाग में फोरलेन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ था। इसमें से करीब 11 किमी के भाग को रिस्टोर कर लिया है जबकि 9 किमी के भाग को ठीक करना बाकी है। यह कार्य प्रगति पर है। एनएचएआई की चार सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम यहां का दौरा करके गई है और उन्होंने प्राथमिक रिपोर्ट में कुछ सुझाव दिए हैं। इन सुझावों पर भी आईआईटी के साथ होने वाले एमओयू के तहत ही कार्य किया जाएगा।
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