Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

सोशल मीडिया पर भी रिझाए जाते थे नए लोग

                              क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के खेल आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं

शिमला,रिपोर्ट नीरज डोगरा 

क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के खेल आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ठगी का खेल सोशल मीडिया से भी चलता था। बाकायदा कम्युनिटी ग्रुप बनाकर शातिर क्रिप्टो करेंसी के नाम पर मिलने वाले लाभों की जानकारी साझा कर नए लोगों को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाता। इस खेल में शामिल शातिर सोशल मीडिया पर क्रिप्टो करेंसी में धनराशि लगाकर मुनाफा कमा चुके लोगों की उपलब्धियां दिखाते थे। इससे आकर्षित होकर लोग अपनी धनराशि निवेश करते थे।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर शातिर आसानी से लोगों तक पहुंच बनाते और उन्हें बड़े-बड़े ख्वाब दिखाए जाते थे। ठगी का शिकार हुए लोग बताते हैं कि दिल्ली और चंडीगढ़ में हुईं आखिरी दौर की बैठकों में किसी को फोन ले जाने की अनुमति नहीं होती थी। शातिर अपनी सुरक्षा के लिए बाउंसर तक तैनात रखते थे। बैठकों में पूरा दिखावा होता और निवेशकों को नए-नए पैंतरे निवेश के बताए जाते थे। यूट्यूब पर वीडियो अपलोड कर नए लोगों को बाकायदा आईडी बनाने से लेकर हर चीज की जानकारी दी जाती।नाम न छापने की शर्त पर ठगी के शिकार एक युवक ने बताया कि 11 माह में धनराशि डबल करने के लालच में कई लोगों ने निवेश किया। युवक कहता है कि जैसा-जैसा उन्हें बताया गया, सब किया, लेकिन अब धनराशि फंस गई है। कुछ समझ नहीं आ रहा है। 

स्टेकिंग यानी कॉइन या डॉलर वेबसाइट में रहने देने के लिए कहा गया और उन्हें इसके बदले में अधिक धनराशि देने का लालच दिया गया, लेकिन अब उनके हाथ में कुछ नहीं है। उधर, मंडी साइबर क्राइम सेल के एएसपी मनमोहन सिंह ने बताया कि मामले को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। तफ्तीश की जा रही है।क्रिप्टो करेंसी की ठगी के मामले में जुड़े तीनों मुख्य आरोपी इतने शातिर थे कि जगजाहिर होने के बावजूद लोगों का भ्रमित कर देते थे। धनराशि न मिलने पर ढूंढते हुए शातिरों तक पहुंचने पर वह लोगों को दोबारा नई जगह निवेश करने का लालच देकर दोबारा चूना लगा देते। पीड़ितों के अनुसार कई लोगों ने मई 2023 में भी दोबारा धनराशि इन्हीं शातिरों के कहने पर लगाई है। अब मामले में दो शातिरों की गिरफ्तारी हुई तो पीड़ित सामने आने लगे हैं।





Post a Comment

0 Comments

45 फीसदी से कम अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को भी मिलेगा डीएलएड करने का मौका